विदेशों में बसे भारतीयों का रिकॉर्ड तोड़ योगदान! 2024 में भारत आया 129.4 बिलियन डॉलर, इस मुस्लिम देश से आया सबसे ज्यादा पैसा

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By Srashti BisenPublished On: April 2, 2025
RBI Report on Remittance

RBI Report on Remittance : विदेशों में बसे भारतीय अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ अपने जीवन को संवार रहे हैं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान दे रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासी भारतीयों ने 2024 में रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर (करीब 10.7 लाख करोड़ रुपये) अपने देश भेजे। खास बात ये है कि अकेले दिसंबर तिमाही में ही 36 बिलियन डॉलर की रकम भारत पहुंची, जो एक ऐतिहासिक आंकड़ा है।

कोविड-19 महामारी के बाद से भारतीय प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली रकम में 63 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। विश्व बैंक के अनुसार, महामारी के बाद विकसित देशों में नौकरियों में सुधार और वेतन में बढ़ोतरी रेमिटेंस के इस जबरदस्त उछाल का प्रमुख कारण है। RBI की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों की संख्या 1990 में 6.6 मिलियन (66 लाख) थी, जो 2024 में बढ़कर 18.5 मिलियन (1.85 करोड़) हो गई। प्रवासी भारतीयों की यह बढ़ती संख्या भारत में आने वाले पैसों की वृद्धि में अहम भूमिका निभा रही है।

खाड़ी देश बने सबसे बड़े योगदानकर्ता, UAE टॉप पर

दुनियाभर में बसे भारतीयों में से करीब 50% खाड़ी देशों में रहते हैं, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन प्रमुख हैं। 2024 में भारत आए कुल रेमिटेंस का 38% हिस्सा केवल इन देशों से आया, यानी 45 बिलियन डॉलर (करीब 3.7 लाख करोड़ रुपये) की भारी-भरकम रकम भारतीय प्रवासियों ने यहां से अपने देश भेजी।

UAE ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

खाड़ी देशों में UAE भारत में पैसा भेजने के मामले में पहले स्थान पर है। 2020-21 में भारत भेजे गए कुल रेमिटेंस में UAE की हिस्सेदारी 18% थी, जो 2023-24 में बढ़कर 19.2% हो गई। इसका मतलब है कि इस देश में बसे भारतीयों ने पहले से भी ज्यादा पैसा अपने परिवारों को भेजा है।

किन क्षेत्रों में काम करते हैं खाड़ी देशों में बसे भारतीय?

खाड़ी देशों में बसे भारतीय अलग-अलग सेक्टरों में काम कर रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से कंस्ट्रक्शन, हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्ट और हॉस्पिटैलिटी जैसे उद्योग शामिल हैं।

  • ब्लू-कॉलर वर्कर्स: राजमिस्त्री, कारपेंटर, पाइपफिटर, इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर जैसे कामों में लाखों भारतीय रोजगार कर रहे हैं।
  • हाई-स्किल्ड प्रोफेशनल्स: डॉक्टर्स, नर्सेस, इंजीनियर्स, आईटी प्रोफेशनल्स और बिजनेस मैनेजर्स की भी खाड़ी देशों में बड़ी संख्या है।

यही वजह है कि खाड़ी देशों से आने वाला पैसा लगातार बढ़ता जा रहा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रवासी भारतीयों का योगदान हर साल नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम भूमिका

विदेशों से आने वाला यह पैसा भारत में रियल एस्टेट, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्टार्टअप्स और इन्वेस्टमेंट सेक्टर्स में तेजी लाने में मदद करता है। यही नहीं, लाखों भारतीय परिवारों की आजीविका का प्रमुख स्रोत भी यही रेमिटेंस है।