लेबनान में इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत की खबर शनिवार को सामने आई। यह घटना न केवल लेबनान बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गई।
जम्मू-कश्मीर में विरोध मार्च
हिजबुल्लाह प्रमुख की मौत पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और बडग्राम में विरोध मार्च आयोजित किए गए। स्थानीय लोगों ने हिजबुल्लाह प्रमुख की तस्वीरें लेकर जुलूस निकाले और नारेबाजी की। इन जुलूसों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए, जो इस घटना पर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे।

महबूबा मुफ्ती का बयान
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने हसन नसरल्लाह को शहीद बताया। उन्होंने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सभी चुनावी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। महबूबा मुफ्ती का यह कदम उनके प्रति सम्मान और संवेदना को दर्शाता है।
शिया समुदाय की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर अंजुमन-ए-शरीई के अध्यक्ष आगा सैयद हसन मोसावी अल सफवी ने हिजबुल्लाह प्रमुख की तारीफ करते हुए कहा कि उनके उद्देश्य शांति स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि नसरल्लाह पर आतंकवाद के आरोप लगे, लेकिन उनका असली मकसद मानवता की सेवा और फ़िलिस्तीन की आज़ादी के लिए संघर्ष करना था।
हिजबुल्लाह प्रमुख की हत्या ने न केवल लेबनान में बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी गहरी संवेदनाएं पैदा की हैं। विरोध मार्च और नेताओं के बयानों से यह स्पष्ट है कि इस घटना का प्रभाव क्षेत्र के लोगों पर गहरा पड़ा है।