ड्रैगन फ्रूट, जिसे “कमलम” भी कहा जाता है, न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इस फल को 21वीं सदी का ‘चमत्कारिक फल’ कहा जा रहा है। इसके सेवन से न केवल भूख शांत होती है, बल्कि यह वजन को नियंत्रित करने, पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। देश में इस फल की मांग तेजी से बढ़ रही है और अब सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए सक्रिय हो गई है।
देश के किसानों को प्रेरित करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्तिगत पहल करते हुए विदिशा स्थित अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने इस नए संकल्प की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत हर साल 5 हजार करोड़ रुपए मूल्य के ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और अन्य विदेशी फल आयात करता है। अगर यही फसलें देश में उगाई जाएं, तो यह रकम भारतीय किसानों की जेब में जा सकती है।

सेहत का खजाना है ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट का गूदा बीजों के साथ सलाद के रूप में खाया जा सकता है या फिर इसका जूस बनाकर पिया जा सकता है। फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर यह फल पेट की समस्याओं से लेकर इम्युनिटी बूस्ट करने तक में बेहद लाभकारी होता है। एक्सपर्ट्स इसे एक आदर्श सुपरफूड मानते हैं।
आज विदिशा में अपने खेत पर एक नए संकल्प के साथ आया हूं…
हमारे देश में ड्रैगन फ्रूट (कमलम), एवोकाडो जैसे फल हम लगभग 5 हज़ार करोड़ रुपये के आयात करते हैं। यह पैसा हमारे किसानों की जेब में जा सकता है, यदि हम इन फसलों की खेती अपने देश में ही करें।
बैंगलुरु स्थित ICAR-IIHR ने कमलम,… pic.twitter.com/VI7dYrlC7v
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 14, 2025
विदेशी फलों पर खर्च हो रहे हैं हजारों करोड़
वर्तमान में भारत में ड्रैगन फ्रूट की मांग वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया जैसे देशों से आयात कर पूरी की जाती है। हालांकि गुजरात जैसे कुछ राज्यों में इसकी खेती अब बड़े पैमाने पर की जा रही है, लेकिन अब भी भारत को हर साल करीब 5 हजार करोड़ रुपए के ड्रैगन फ्रूट और एवोकाडो जैसे फल आयात करने पड़ते हैं। कृषि मंत्री का कहना है कि यह एक बड़ा आर्थिक नुकसान है जिसे देश के किसान ही मुनाफे में बदल सकते हैं।
बैंगलुरु के रिसर्च संस्थान से मिली है खेती को नई दिशा
शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में बताया कि बैंगलुरु स्थित ICAR-IIHR (भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान) ने ड्रैगन फ्रूट, कटहल और एवोकाडो जैसे फलों पर गहन अनुसंधान किया है और ये प्रयोग सफल भी रहे हैं। अब जरूरत है कि इन प्रयोगों को देशभर में लागू किया जाए, ताकि किसान आत्मविश्वास के साथ नई तरह की खेती में कदम रख सकें।
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से की अपील: “देखें, समझें और आगे बढ़ें”
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और जैक फ्रूट की खेती कर रहे हैं ताकि अन्य किसान इसे नजदीक से देख सकें, समझ सकें और खुद को इस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित महसूस करें।