प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के पावन अवसर पर देश को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने आज तमिलनाडु के रामेश्वरम स्थित पंबन में बने एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया। यह पुल न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं का अद्वितीय उदाहरण है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक से लैस एक अद्भुत संरचना भी है, जो समुद्र के ऊपर उठ सकता है।
1914 में बने पुराने पंबन ब्रिज ने रामेश्वर द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ा था। समय के साथ यह पुल कमजोर हो गया था और इसके निर्माण में आने वाली समस्याओं की वजह से यह अब यात्रियों और परिवहन की बढ़ती जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था। इसके अलावा, समुद्र में स्थित होने के कारण इस पुल को अधिक क्षति भी हो रही थी। इसी वजह से 2019 में केंद्र सरकार ने नए पंबन ब्रिज के निर्माण की मंजूरी दी थी, जो अब तैयार है और आज प्रधानमंत्री मोदी ने इस ब्रिज को राष्ट्र को समर्पित किया।

एशिया का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज
पंबन ब्रिज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है। यह पुल तमिलनाडु के पंबन इलाके में पल्क जलडमरूमध्य पर स्थित है और इसकी लंबाई 2.07 किलोमीटर है।
Rameswaram, Tamil Nadu: PM Narendra Modi inaugurates New Pamban Bridge – India’s first vertical lift sea bridge and flags off Rameswaram-Tambaram (Chennai) new train service, on the occasion of #RamNavami2025 pic.twitter.com/6ts8HNdwqy
— ANI (@ANI) April 6, 2025
कैसे काम करेगा पंबन ब्रिज ?
सेंटर स्पैन का वर्टिकल लिफ्ट
पंबन ब्रिज का सबसे खास हिस्सा इसका वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है। जब बड़ा जहाज ब्रिज के नीचे से गुजरता है, तो ब्रिज का सेंटर स्पैन वर्टिकली ऊपर उठता है। यह काम पूरी तरह से ऑटोमेटेड तरीके से होता है, यानी किसी मैनुअल प्रयास की जरूरत नहीं होती। सिर्फ 5 मिनट में ये स्पैन ऊपर उठ जाता है, जिससे समय की बचत होती है और रेल सेवाएं भी तेज होती हैं।
पुराना ब्रिज भी उठेगा
इस ब्रिज के पुराने हिस्से को भी टिल्ट करके उठाया जाएगा, जिससे समुद्र में बड़े जहाज आसानी से आ-जा सकेंगे।
जहाजों के लिए स्पेशल प्रोविजन
जब कोई बड़ा मालवाहक जहाज ब्रिज के पास पहुंचता है, तो ब्रिज के 63 मीटर हिस्से को तुरंत ऊपर उठाया जाता है। इस प्रक्रिया में बस 5 मिनट का समय लगता है। इसके बाद, जब जहाज ब्रिज के नीचे से निकल जाता है, तो 3 मिनट में ब्रिज फिर से अपनी सामान्य स्थिति में वापस लौट आता है।
क्या है पंबन ब्रिज की खासियत?
- फुली ऑटोमेटेड सिस्टम : पंबन ब्रिज में फुली ऑटोमेटेड वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है, जिससे मैन्युअल स्पैन उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी परिस्थिति में ब्रिज जल्दी और सुरक्षित तरीके से काम कर सके।
- समुद्र में बड़े जहाजों के लिए उपयुक्त : ब्रिज को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह 22 मीटर तक उठ सके, जिससे विशाल जहाजों को ब्रिज के नीचे से गुजरने में कोई समस्या न हो।
- डबल ट्रैक और इलेक्ट्रिफिकेशन : पंबन ब्रिज में डबल ट्रैक और इलेक्ट्रिफिकेशन की सुविधा दी गई है, जो तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए आवश्यक है। इससे यात्रा समय में कमी आएगी और ट्रेनें तेजी से अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगी।
- हवा की स्थिति पर निर्भरता : पुल को ऊपर उठाने का काम हवा की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि हवा की गति 50 किमी/घंटे या उससे अधिक होती है, तो पुल उठाने का सिस्टम काम नहीं करेगा।
तकनीकी विशेषताएँ
- वर्टिकल लिफ्ट स्पैन : पंबन ब्रिज का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन 72.5 मीटर लंबा है, जो समुद्र के बड़े जहाजों को आराम से निकलने की जगह देता है।
- सुपरफास्ट ओपनिंग और क्लोजिंग टाइम : ब्रिज 5 मिनट में खुलता है और 3 मिनट में बंद हो जाता है, जिससे ट्रेन और जहाजों के संचालन में कोई रुकावट नहीं आती।
- समुद्र में 6,790 फीट लंबा ब्रिज : यह ब्रिज समुद्र में 2.08 किलोमीटर तक फैला हुआ है और अरब सागर पर स्थित है, जो इसके निर्माण को और भी चुनौतीपूर्ण और तकनीकी रूप से उन्नत बनाता है।
- एंटी-कोरोजन टेक्नोलॉजी : इस ब्रिज में एंटी-कोरोजन तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे समुद्र के खारे पानी से उत्पन्न होने वाली जंग से बचाव होता है। इसके अलावा, ब्रिज पर पॉलीसिलॉक्सेन पेंट भी लगाया गया है, जो इसे मजबूती और सुरक्षा प्रदान करता है।
- ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम : ब्रिज में ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम भी है, जिससे जहाजों और ट्रेनों के संचालन में कोई बाधा नहीं आती और सब कुछ सुव्यवस्थित रूप से चलता है।
रामेश्वर द्वीप तक पहुंच होगी आसान
पंबन ब्रिज रामेश्वर द्वीप को भारत के मुख्य भूभाग से जोड़ने का कार्य करता है। रामेश्वरम, जो चार धाम के प्रमुख स्थलों में से एक है, अब इस पुल की मदद से और भी आसानी से पहुंचा जा सकेगा। पुल की लंबाई 6790 फीट है, और यह पुल तमिलनाडु के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।