भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से “सबका साथ, सबका विकास और सबका कल्याण” का लक्ष्य पूरा होगा। यह कोई जातिवादी राजनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक पारदर्शी शासन की ओर उठाया गया कदम है, जो समाज के सभी वर्गों को समान न्याय प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है।
चौहान ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह निर्णय देश के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को मजबूत करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया है और जब वह सत्ता में होती है, तो इस पर कोई निर्णय नहीं लेती। कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस के हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और होते हैं।”

कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर निशाना साधते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी को संविधान का अध्ययन करने के लिए ट्यूशन की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस भ्रम फैलाने और झूठ बोलने में माहिर है, जो उनके डीएनए का हिस्सा है। चौहान ने यह भी कहा कि राहुल गांधी जिस तेलंगाना का उदाहरण दे रहे हैं, वहां जातिगत जनगणना नहीं, बल्कि केवल एक सर्वेक्षण हुआ है।
शिवराज ने बताया कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं जैसे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया। मंडल कमीशन की सिफारिशों को भी नजरअंदाज किया गया था। कांग्रेस सरकार के दौरान एसईसीसी सर्वे में हुई गलतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय भी कांग्रेस पीछे हट गई थी। शिवराज सिंह चौहान ने पुनः कहा कि भाजपा समाज को एकजुट करने के सिद्धांत पर काम कर रही है, जबकि कांग्रेस का दृष्टिकोण हमेशा समाज को विभाजित करने वाला रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यह फैसला देश के लिए ऐतिहासिक और कल्याणकारी साबित होगा।