एमपी में इन जिलों को मिलाकर बनाए जाएंगे दो बड़े महानगर, सीएम ने दी हरी झंडी

मध्यप्रदेश सरकार ने इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसके तहत इन शहरों के विकास को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा। इंदौर में पांच जिलों और 1,756 गांवों को शामिल किया जाएगा, जबकि भोपाल के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भूमि विकास, औद्योगिक गतिविधियों और परिवहन सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की बात की है।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के दो प्रमुख शहरों को महानगर के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग ने मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025 का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मंजूरी दे दी है।

इस एक्ट के लागू होने से इंदौर और भोपाल जैसे शहरों को महानगर का दर्जा मिल सकेगा, जिससे इन शहरों के विकास में तेजी आएगी। इस पर सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई थी, जिसमें मेट्रोपॉलिटन एरिया के गठन के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में शामिल होंगे पांच जिले

इंदौर को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में शामिल करने के लिए बड़ी योजना बनाई गई है। इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में कुल पांच जिले शामिल किए जाएंगे- इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर। इन जिलों का कुल क्षेत्रफल लगभग 9,000 किलोमीटर होगा, और इसमें 1,756 गांवों को भी शामिल किया जाएगा।

इस क्षेत्र के भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को समझा जा सके और विकास की दिशा तय की जा सके। इस प्रक्रिया में सभी जरूरी आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा, और बाद में एक रीजनल और इंवेस्टमेंट प्लान तैयार किया जाएगा।इंदौर के पहले चरण का इंस्पेक्शन पहले ही पूरा हो चुका है, और अब यह तय किया जाएगा कि किन जिलों, तहसीलों और गांवों को इस मेट्रोपॉलिटन एरिया में शामिल किया जाए।

भोपाल के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति जल्द

भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के गठन के लिए भी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस क्षेत्र में भोपाल के साथ-साथ सीहोर, रायसेन, विदिशा और ब्यावरा (राजगढ़) को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं को जल्द ही पूरा करने की योजना है, ताकि आगामी विधानसभा सत्र से पहले सभी तैयारियां पूरी की जा सकें।

बैठक में अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ल ने बताया कि भोपाल के विकास के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में भोपाल विकास प्राधिकरण को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके साथ ही जून माह में कंसल्टेंट की नियुक्ति की संभावना जताई गई है।

विकास की दिशा और निवेश का प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में भूमि का नियोजित और संरचित रूप से विकास सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को अब से ही प्रोत्साहित किया जाए।

इसके साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आर्थिक कॉरिडोर, सड़क परिवहन और रेल परिवहन के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। सीएम ने अधिकारियों से यह भी कहा कि इस योजना से जुड़ी सभी कार्यवाहियों को समय सीमा में पूरा किया जाए, ताकि निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित हो सके।