मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से रामगंजमंडी तक बनने वाली रेल लाइन की रफ्तार जमीन संबंधी अड़चनों की वजह से थम गई है। इस परियोजना में लगातार देरी हो रही है। नरसिंहपुर स्थित बड़ोदिया तालाब से जुड़ा विवाद अब तक सुलझ नहीं पाया है। हालांकि प्रशासन ने कुरावर के पास स्थित तुर्कीपुरा गांव के किसानों को मनाने में सफलता पाई है, लेकिन यहां भी मुश्किल पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है, क्योंकि 2017 में अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा किसानों को अब तक नहीं मिला है।
रेलवे की मुआवजा नीति से नाराज़ हैं ज़मीन मालिक
रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामलों में किसानों को उचित मुआवजा न मिलने की शिकायतें सामने आ रही हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें नियमानुसार भूमि की दरों के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जाए। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि गाइडलाइन में बदलाव हुआ है और सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हैं, जिससे कोई हस्तक्षेप संभव नहीं है। मुआवजा विवाद के कारण मामला न्यायालय में लंबित है, जिससे परियोजना का कार्य प्रभावित हो रहा है। रेलवे अधिकारी स्थल पर उपस्थित होते हैं, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है।

भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन परियोजना, जो प्रधानमंत्री के फास्ट ट्रैक प्रोजेक्ट्स में शामिल है, भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्याओं के कारण बाधित हो रही है। हालांकि, भोपाल की ओर से कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है, और मध्यप्रदेश सीमा में खिलचीपुर, राजगढ़ तथा ब्यावरा क्षेत्रों में भी निर्माण कार्य में गति बनी हुई है।
तेज़ी से चल रहा भोपाल-रामगंजमंडी रेल प्रोजेक्ट का काम
भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत 3,050 करोड़ है, प्रधानमंत्री के फास्ट ट्रैक प्रोजेक्ट्स में शामिल है। वित्तीय दृष्टि से इस परियोजना को कोई बाधा नहीं है, क्योंकि रेलवे बजट के तहत आवश्यक राशि उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्याओं के कारण कार्य में देरी हो रही है। कई क्षेत्रों में किसानों को मुआवजा नहीं मिलने के चलते विवाद उत्पन्न हुए हैं, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। रेलवे और जिला प्रशासन के बीच समन्वय की कमी भी परियोजना की प्रगति में बाधा बन रही है।
भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन, जानिए कब दौड़ेगी पहली ट्रेन?
भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन परियोजना की प्रारंभिक समयसीमा दिसंबर 2026 निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 2027 कर दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में इस परियोजना की डेडलाइन 5-6 बार बढ़ाई जा चुकी है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान में कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि मध्यप्रदेश में प्रारंभिक कार्य संपन्न हो गया है। नयगांव से खिलचीपुर के बीच ट्रैक बिछाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है।
पश्चिम मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी नवल अग्रवाल ने जानकारी दी कि रेलवे की निर्माण एजेंसियां विभिन्न स्थानों पर कार्यरत हैं। जहां अड़चनें हैं, वहां इंजीनियर समाधान में लगे हैं। नरसिंहपुर की स्थिति हमारे संज्ञान में है, और हमने एसडीएम को भी सूचित कर दिया है। समस्या का शीघ्र समाधान कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।