महाकाल की नगरी उज्जैन में 27 अगस्त को दूसरी ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। होटल अंजुश्री में होने वाले इस कार्यक्रम में देशभर के प्रमुख मंदिर व्यवस्थापक और बड़ी होटल चेन के अधिकारी शामिल होंगे। कॉन्क्लेव में स्पिरिचुअल क्षेत्र में हो रहे नवाचारों पर चर्चा होगी और मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य उज्जैन में निवेश बढ़ाना है।
इसके लिए स्पिरिचुअल संस्थाओं के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में काशी विश्वनाथ और महाकाल जैसे प्रमुख मंदिरों में भीड़ प्रबंधन पर विचार-विमर्श होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत निवेशकों से बातचीत करेंगे। इसके अलावा, 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों के लिए बड़े होटल समूह, एयरलाइंस और मंदिरों के लिए सेवाएं देने वाली टेक कंपनियां भी इस कॉन्क्लेव में शामिल होंगी।
प्रमुख मंदिरों में बढ़ती भीड़ पर होगी चर्चा
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और पर्यटन विभाग संयुक्त रूप से यह आयोजन कर रहे हैं। पीएचडी चैंबर ने पिछले वर्ष अयोध्या में पहला ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया था। बढ़ती श्रद्धालु संख्या को देखते हुए श्रीराम मंदिर अयोध्या, महाकाल और काशी विश्वनाथ जैसे प्रमुख मंदिरों में भीड़ प्रबंधन पर सरकारी अधिकारी, विशेषज्ञ और धर्मगुरु विचार-विमर्श करेंगे। आयोजन में स्पिरिचुअल टूरिज्म सेक्टर में एआई और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों के प्रभाव पर भी चर्चा होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। धर्मगुरु गौरांग दास प्रभु और केंद्र-राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी आयोजन में भाग लेंगे।
लखनऊ में उज्जैन टीम की बैठक
उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए तैयारियों पर निजी समूह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ चर्चा करेंगे। इसमें रेडिसन होटल समूह, इंडिगो, अकासा एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियां शामिल होंगी। इस अवसर पर सिंहस्थ से संबंधित कई निवेश समझौते भी किए जा सकते हैं। प्रयागराज कुंभ की व्यवस्थाओं का अनुभव लेने के लिए उज्जैन का प्रशासनिक दल लखनऊ पहुँचा, जिसमें सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह, निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा और यूडीएम सीईओ संदीप सोनी शामिल हैं। कलेक्टर ने बताया कि प्रयागराज कुंभ में तैनात अधिकारियों से वन-टू-वन बातचीत की जा रही है और उनके अनुभव के आधार पर उज्जैन सिंहस्थ में भी व्यवस्थाएं तैयार की जाएंगी।
आध्यात्मिक केंद्र और शहरी योजनाओं पर मंथन
पीएचडी चैम्बर और केपीएमजी द्वारा धर्मस्थलों पर भीड़ प्रबंधन को लेकर बनी रिपोर्ट भी जारी होगी। महाकाल परिसर के आसपास की अर्थव्यवस्था, उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी विकास पर भी बात होगी। कलेक्टर रौशनकुमार सिंह ने बताया कि कॉन्क्लेव निवेश एवं भीड़ प्रबंधन के मकसद से आयोजित की जा रही है। इसमें सीएम और केंद्रीय मंत्री स्पिरिचुअल क्षेत्र में काम रही संस्थाओं के प्रमुखों के साथ सीधी बात करेंगे। इसके अलावा होटल चेन, एयरलाइंस एवं अन्य कंपनियों के लोगों से भी बातचीत होगी। समिट एक ही दिन की है और इसमें देशभर के ख्यात मंदिरों का संचालन कर रहे लोग आएंगे। वह लोग अपने यहां हो रहे प्रयोगों की जानकारी कॉन्क्लेव में देंगे। इसके मुताबिक उज्जैन में व्यवस्था जुटाई जाएगी।