अफसर को ईमानदारी पड़ी महंगी! चाय और समोसे घोटाले का किया पर्दाफाश, इनाम में मिला 600 KM दूर ट्रांसफर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मध्य प्रदेश के जबलपुर में NHM अधिकारी अमित चंद्रा ने 30 लाख के बिल घोटाले का खुलासा किया, जिसमें चाय-समोसे की फर्जी आपूर्ति दिखाई गई थी। घोटाले की शिकायत करने पर उन्हें 600 किलोमीटर दूर मुरैना ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन हाईकोर्ट ने इस तबादले पर अंतरिम रोक लगाई है।

Srashti Bisen
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अफसर को ईमानदारी पड़ी महंगी! चाय और समोसे घोटाले का किया पर्दाफाश, इनाम में मिला 600 KM दूर ट्रांसफर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत पदस्थ एक अधिकारी ने जब कथित घोटाले का पर्दाफाश किया, तो उसे इनाम में 600 किलोमीटर दूर ट्रांसफर की “सजा” दे दी गई।

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यह मामला जबलपुर जिले के मझौली ब्लॉक का है, जहां ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अमित चंद्रा के पास एक दिन लगभग 30 लाख रुपए के खर्च से जुड़े बिल अप्रूवल के लिए भेजे गए। ये बिल मझौली अस्पताल के बीएमओ डॉ. पारस ठाकुर द्वारा भेजे गए थे।

बिलों की जांच के दौरान अमित को पता चला कि बड़ी मात्रा में चाय और समोसे की आपूर्ति दिखाई गई है, वो भी 20 किलोमीटर दूर स्थित एक दुकान से, जबकि अस्पताल के सामने ही चाय की कई दुकानों की उपलब्धता थी। इतना ही नहीं, चाय पहुंचाने के लिए बाकायदा फोर व्हीलर वाहन का इस्तेमाल दिखाया गया था।
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600 किलोमीटर दूर तबादला

अमित चंद्रा ने जब इस अनियमितता पर सवाल उठाया और बिलों को अपलोड करने से इनकार किया, तो उन्होंने इसकी जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। उन्होंने जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले की शिकायत भेजी। लेकिन भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के बजाय, विभाग ने उन्हें प्रताड़ित करते हुए उनका तबादला मुरैना जिले में कर दिया, जो जबलपुर से करीब 600 किलोमीटर दूर है।

हाईकोर्ट की दखल से मिली राहत

इस अन्यायपूर्ण निर्णय के खिलाफ अमित चंद्रा ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की शरण ली। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक जैन की एकल पीठ ने सरकार के तबादला आदेश पर अंतरिम रोक लगाई और राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। यह फैसला ईमानदारी के पक्ष में एक उम्मीद की किरण माना जा रहा है।