मध्यप्रदेश में रोजगार की स्थिति को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार या स्वरोजगार का अवसर मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं और हर क्षेत्र में उम्मीदों का एक नया दौर शुरू हो सकता है, लेकिन इसके लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।

MSME सेक्टर में रफ्तार, 17 लाख इकाइयां, 92 लाख रोजगार
MSME के तहत अब तक प्रदेश में 55 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है, जिससे 17 लाख 55 हजार पंजीकृत इकाइयां चल रही हैं और ये इकाइयां 92 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं।
इसके साथ ही 5300 स्टार्ट-अप्स भी काम कर रहे हैं, जिनमें से 2500 से अधिक के संचालन का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निवेशकों को लैंड बैंक से जुड़ी जानकारी देने का निर्देश भी दिया। 1 मई से 1100 से अधिक प्लॉट आवंटन के लिए उपलब्ध होंगे।
व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार, रतलाम से होगी शुरुआत
सीएम ने बैठक में यह भी कहा कि हर जिले की विशेष परिस्थितियों और दक्षताओं के अनुसार व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार करना होगा। उन्होंने सूक्ष्म उद्योगों जैसे तेल घानी, मसाला-आटा चक्की, कोदो-कुटकी और अन्य मिलेट प्रसंस्करण इकाइयों के जरिए युवाओं को रोजगार देने की बात की।
यह कदम रतलाम से शुरू होगा, जहां कृषि उपज मंडियों को आधुनिक स्वरूप देने की योजना बनाई जा रही है, ताकि दूध, सब्जियों और अन्य उत्पादों को बेहतर तरीके से संजोया जा सके।
MSME के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का 7वां स्थान, लक्ष्य है टॉप 5 में जगह बनाना
एमएसएमई के विकास में मध्यप्रदेश ने देशभर में 7वां स्थान प्राप्त किया है, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अगले साल तक इस स्थिति में सुधार करना है और प्रदेश को श्रेष्ठतम राज्यों में शामिल करना है। इसके लिए आगामी वर्ष 2025 को ‘उद्योग और रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर दो महीने के अंतराल पर उद्योग और रोजगार दिवस मनाया जाए, ताकि इस क्षेत्र में और गति लाई जा सके।
मध्यप्रदेश में टेक्नोलॉजी और कौशल उन्नयन के नए अवसर
इसके साथ ही, प्रदेश में उद्योग-रोजगार के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। 27 अप्रैल को इंदौर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया, सीमेन्स-ईडीए जैसी बड़ी कंपनियां शामिल होंगी।
इस कॉन्क्लेव में एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेन्डेड रियलिटी इंडस्ट्री पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिग्गज कंपनियों के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे, ताकि राज्य में इन क्षेत्रों में बेहतर निवेश और अवसरों को बढ़ावा मिल सके।
नवाचार और निवेश के लिए तैयार मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश में एमएसएमई और उद्योगों के विकास के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं, जिनमें क्षेत्रीय स्तर पर कौशल उन्नयन और तकनीकी दक्षता में सुधार के लिए कैंप आयोजित करना भी शामिल है।