किसानों की खुशहाली के लिए बड़ा कदम, MP में नया मिशन शुरू, कृषि, पशुपालन और अन्न उत्पादन को मिलेगा नया प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में 'मध्य प्रदेश किसान मिशन' को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि को सशक्त बनाना है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मिशन की रणनीतिक महत्वता को बताया।

Raj Rathore
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक के दौरान बताया कि ‘मध्य प्रदेश किसान मिशन’ राज्य सरकार की एक रणनीतिक पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है।

उन्होंने कहा कि 2003 के मुकाबले कृषि उत्पादकता में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और कृषि विकास दर 3 प्रतिशत से बढ़कर 9.8 प्रतिशत तक पहुंची है। इस मिशन के अंतर्गत किसान कल्याण, उद्यानिकी, पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, सहकारिता, खाद्य नागरिक आपूर्ति जैसे विभाग मिलकर किसानों के लिए योजनाओं का संचालन करेंगे। इन विभागों का समन्वय करने के लिए एक उच्च स्तरीय राज्य कमेटी बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे। इसके अलावा, मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक मुख्य सचिव स्तर की कमेटी और जिला स्तर पर समितियाँ भी गठित की जाएंगी।

दूध उत्पादन को बढ़ावा देने पर फोकस

मध्यप्रदेश के 50 प्रतिशत से अधिक गांव अब दुग्ध उत्पादन में सक्रिय भागीदार हैं। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से राज्य में दूध संग्रहण और उत्पादन की क्षमता को और बढ़ाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि गोपालक और पशुपालक किसानों की आय को दोगुना किया जाए।

लाडली बहना योजना पर सरकार का स्पष्टीकरण

बैठक में मंत्री ने लाडली बहना योजना को लेकर फैल रहे गलत धारणाओं पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि योजना को बंद करने का कोई इरादा नहीं है, और 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री मोहन यादव मंडला से महिलाओं के खातों में राशि हस्तांतरित करेंगे।

अन्न की खेती में होगी नई क्रांति

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि श्री अन्न की खेती को बढ़ावा देने से आदिवासी महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक लाभ हुआ है। अब सरकार जैविक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने की दिशा में कार्य कर रही है, वहीं पारंपरिक खेती के संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में नई पहल

कैबिनेट बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी और न्यूरोपेडियाट्रिक्स विभागों के लिए 12 नए पद मंजूर किए गए हैं। यह निर्णय नवजात मृत्यु दर (IMR) को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है, और इसके बाद इसे प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।