MP का सबसे बड़ा Digital Arrest केस! रामकृष्ण आश्रम के स्वामी से ठगे गए 2.52 करोड़ रुपए, 26 दिन तक रहे डिजिटल अरेस्ट

15 अप्रैल तक पैसे नहीं आने पर स्वामी सुप्रदीप्तानंद द्वारा ग्वालियर एसपी से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी दी गई है। जिसके बाद उन्हें पता चला कि ठगों ने उनसे ठगी की है।

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
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Gwalior Digital Arrest : इन दिनों डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा भी डिजिटल अरेस्ट को लेकर चेतावनी जारी की जा रही है। वहीं लोगों को मोबाइल संदेश के जरिए भी सतर्क किया जा रहा है। इसी बीच ताजा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आया है।

ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट की बड़ी गंभीर खबर है। यहां ठगों द्वारा रामकृष्ण आश्रम के स्वामी सुप्रदीप्तानंद से ढाई करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई है। वहीं ठग द्वारा इन वारदात को अंजाम देने के साथ ही उन्हें 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया है।

ऐसा माना जा रहा है कि यह मध्य प्रदेश का अब तक का सबसे ज्यादा समय तक किया जाने वाला डिजिटल अरेस्ट केस हो सकता है।

स्वामी सुप्रदीप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट

ग्वालियर के घाटीपुर स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदीप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया गया है। इसके साथ ही उनसे 2.52 करोड रुपए की ठगी कर दी गई है। ठग ने नासिक पुलिस का अफसर बात कर उन्हें फोन किया था। वही स्वामी सुप्रदीप्तानंद को नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे होने का डर दिखाया गया था। जिसके साथ उनसे ठगी की गई है।

जानकारी के मुताबिक उनका पास सबसे पहला कॉल 17 मार्च को आया था। जिसके बाद उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया था। ग्वालियर SP निरंजन शर्मा ने बताया कि ठगों ने उन्हें 15 अप्रैल तक पैसे लौटाने को कहा था। जब पैसे नहीं आए तो उन्होंने ग्वालियर एसपी से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी दी।

पुलिस की ड्रेस में थे धमकाने वाले

17 मार्च को एक कॉल के दौरान उन्हें फोन पर धमकी देते हुए कहा गया कि उनके नाम से केनरा बैंक में खाता है। जिसमें 20 करोड रुपए का अनैतिक लेनदेन हुआ है। उन्हें इसकी पीडीएफ भी भेजी गई। धमकाने वाले पुलिस की ड्रेस में थे। वीडियो में फर्जी अफसर के पीछे नासिक पुलिस का बोर्ड भी लगा था।

इसके बाद उनसे 26 दिन तक देश भर के अलग-अलग बैंक खाते में 2.52 करोड रुपए ट्रांसफर करवा लिए गए।उन्हें आश्वासन दिया गया की जांच के बाद सब कुछ सही पाए जाने पर उन्हें यह राशि 15 अप्रैल तक वापस कर दी जाएगी।

15 अप्रैल तक पैसे नहीं आने पर स्वामी सुप्रदीप्तानंद द्वारा ग्वालियर एसपी से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी दी गई है। जिसके बाद उन्हें पता चला कि ठगों ने उनसे ठगी की है। इस मामले में ग्वालियर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

बता दे कि समाज के प्रविष्टि जनों के बीच में सुप्रदीप्तानंद की काफी प्रसिद्द है। कुछ महीने पहले आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत भी उनसे मिलने आश्रम पहुंचे थे। यह प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट माना जा रहा है।

रामकृष्ण आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदीप्तानंद के पहले उज्जैन में रामकृष्ण आश्रम का काम देखने वाले प्रबंधक के साथ भी इस तरह के डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई थी। आरबीआई लगातार लोगों से डिजिटल अरेस्ट से खुद को सतर्क रखने की सलाह दे रहा है।