एमपी को केंद्र से मिलेगा 44,255 करोड़ का फंड, जानें कहां-कहां होगा खर्च और किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?

चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए 44,255 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज का ऐलान किया है, जिससे राज्य में विकास कार्यों को गति मिलेगी। यह राशि विभिन्न किस्तों में 31 मार्च 2026 से पहले जारी की जाएगी। सबसे अधिक लाभ शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों को मिलेगा।

Srashti Bisen
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MP News : मोदी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ा वित्तीय पैकेज जारी किया है, जिससे मोहन सरकार को आर्थिक रूप से मजबूती मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने इस बार राज्य को कुल 44255 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है।

यह राशि विभिन्न किस्तों में राज्य को प्रदान की जाएगी और इसे 31 मार्च 2026 से पहले जारी कर दिया जाएगा। यह फंड केंद्र सरकार की तरफ से संचालित योजनाओं को लागू करने के लिए दिया जा रहा है, जिससे राज्य में विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी।

संयुक्त बजट से चलेगी विकास की गाड़ी

प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर कुल 68519.05 करोड़ रुपए के बजट से विभिन्न योजनाओं का संचालन करेंगे। इसमें से 44255.33 करोड़ रुपए केंद्र से मिलेंगे जबकि 24263.71 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार अपनी तरफ से उपलब्ध कराएगी।

यह बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास जैसे मुख्य क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, केंद्र द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का बजट अलग से जारी किया जाएगा, जो इस मुख्य बजट में शामिल नहीं है।

अब तक मिला कितना फंड?

पिछले एक महीने में केंद्र सरकार ने मोहन सरकार को कुल 283 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है। इस राशि में से 39.14 करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग और किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग को मिले हैं, जबकि वित्त विभाग को 217.07 करोड़ रुपये दिए गए हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने 2024-25 के बजट में प्रदेश को 37,652 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 21,497 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं, जिससे 16,155 करोड़ रुपये की धनराशि कम मिली है।

किन विभागों को मिलेगा सबसे ज्यादा लाभ?

इस वित्तीय सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, और स्कूल शिक्षा विभाग को मिलेगा। ये वे विभाग हैं जो सीधे तौर पर आम जनता की सुविधाओं से जुड़े हैं और जिन पर सरकार का खास फोकस है। वहीं, पर्यटन, संस्कृति, भोपाल गैस त्रासदी राहत और वित्त विभाग को इस बार अपेक्षाकृत कम फंड मिलेगा।