MP Weather: मध्यप्रदेश में इस वर्ष दिसंबर की शुरुआत से ही कड़ाके की ठंड बनी हुई है। हिमालयी क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम के प्रभाव से राज्य के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक 13 दिसंबर से एक और मौसम प्रणाली विकसित होगी, जिससे अगले कई दिनों तक शीतल और बर्फीली हवाएँ चलने की संभावना है। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में शीतलहर के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
पारा 3 डिग्री तक पहुँचा
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में सबसे कम तापमान शहडोल के कल्याणपुर में दर्ज हुआ, जहाँ इस सीजन में पहली बार पारा 3 डिग्री तक पहुंचा। उमरिया में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री रहा। पचमढ़ी और राजगढ़ में 5.2 डिग्री, रीवा में 5.8 डिग्री, मलाजखंड में 6.7 डिग्री, जबकि मंडला और नौगांव में 7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। रायसेन में पारा 7.4 डिग्री, छिंदवाड़ा में 7.8 डिग्री और शिवपुरी में 8 डिग्री तक दर्ज किया गया।
टूटा 84 साल पुराना ठंड का रिकॉर्ड
भोपाल में इस वर्ष नवंबर के दौरान 84 साल पुराना ठंड का रिकॉर्ड टूट गया। शहर में लगातार 15 दिनों तक शीतलहर बनी रही और एक रात तापमान 5.2 डिग्री तक गिर गया। इंदौर में भी पिछले 25 वर्षों की तुलना में सबसे अधिक ठंड दर्ज की गई। दिसंबर में भी इसी तरह की स्थिति जारी है और कई शहरों में पिछले एक दशक के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर और जनवरी में प्रदेश में ठंडी हवाओं का प्रभाव सर्वाधिक रहता है, जबकि जनवरी में 20 से 22 दिनों तक कोल्ड वेव चलने की संभावना है।
भोपाल में लगातार छठे दिन शीतलहर बरकरार
बुधवार को भोपाल में लगातार छठे दिन शीतलहर की स्थिति बनी रही। मलाजखंड में अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री तक दर्ज हुआ, जबकि नरसिंहपुर, रीवा, सीधी, बैतूल और धार में पारा 26 डिग्री से नीचे रहा। मंगलवार से बुधवार की रात कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम रिकॉर्ड किया गया। इंदौर में पारा 5.4 डिग्री तक गिरा, वहीं भोपाल में 6.8 डिग्री, ग्वालियर में 9.3 डिग्री, उज्जैन में 8.7 डिग्री और जबलपुर में 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ये है सर्दी बढ़ने की मुख्य वजह
उत्तर भारत में इस बार जेट स्ट्रीम का प्रभाव अधिक प्रबल दिखाई दे रहा है। लगभग 12 किलोमीटर की ऊँचाई पर यह हवा 222 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से प्रवाहित हो रही है, जिससे मध्यप्रदेश में तापमान तेजी से गिर रहा है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाओं के साथ जेट स्ट्रीम के सक्रिय होने से ठंड का प्रभाव दोगुना बढ़ गया है। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में समय से पहले हुई बर्फबारी ने भी शीत ऋतु की तीव्रता को और बढ़ाया है। उत्तरी हवाएँ लगातार चलने के कारण प्रदेश में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है।









