डॉ. मोहन यादव सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। इनमें सबसे अहम फैसला प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को शहरी सीमा के बाहर भी विकास कार्यों की अनुमति देना है, जिससे शहरों से सटे गांवों में बुनियादी ढांचे का विस्तार संभव होगा। इसके अलावा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए मास्टर ट्रेनिंग कार्यक्रम और अनुपूरक बजट समेत अन्य प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी गई।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी दी कि नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 66 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके तहत बीडीए और आईडीए जैसे प्राधिकरण अब शहरी योजना क्षेत्र (प्लानिंग एरिया) के बाहर भी सड़कें, पुल, पुलिया और कॉलोनियों का विकास कर सकेंगे, जबकि साडा को शहरों के भीतर ही कार्य करने की अनुमति होगी।

इस संशोधन के तहत 500 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जाएगी, लेकिन इसके लिए संबंधित प्राधिकरण को पहले एक विस्तृत योजना तैयार कर राज्य सरकार से स्वीकृति लेनी होगी। गौरतलब है कि भोपाल, इंदौर समेत कई बड़े शहरों में मास्टर प्लान 10 से 15 साल पीछे चल रहा है, जिससे कई विकास परियोजनाओं में देरी हो रही थी। इस निर्णय से बड़े प्रोजेक्ट्स को गति मिलने की उम्मीद है।
अब डिजिटल होंगे सभी दस्तावेज
कैबिनेट ने प्रदेश में राजस्व भू-अभिलेखों के लंबित डिजिटलीकरण को मंजूरी दे दी है। यह कार्य भारत सरकार के डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत किया जाएगा। इसके लिए अनुमानित कुल राशि 138 करोड़ 41 लाख रुपये (कर सहित) स्वीकृत की गई है। इस परियोजना को मध्य प्रदेश भू-अभिलेख प्रबंधन समिति (एमपीएलआरएस) द्वारा खुली निविदा प्रक्रिया के माध्यम से लागू किया जाएगा।
महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत
उज्जैन के महाकाल मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए होमगार्ड स्वयंसेवी सैनिकों के 488 पदों को मंजूरी दी गई है। इस पहल पर प्रति वर्ष लगभग 17 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और पूरी प्रक्रिया एक वर्ष के भीतर पूरी की जाएगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम
सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत “पोषण भी- पढ़ाई भी” प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 30 करोड़ 56 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की दक्षता बढ़ाना है, जिसके तहत एक बाल विकास परियोजना अधिकारी और तीन पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस प्रशिक्षण से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों को न केवल सामान्य ज्ञान बल्कि नैतिक शिक्षा देने में भी सक्षम बनाया जाएगा।