MP News: ​राशन कार्डधारकों के लिए अलर्ट, ई-केवाईसी नहीं तो 1 मई से बंद हो सकता है अनाज वितरण​

मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए 30 अप्रैल 2025 तक e-KYC कराना अनिवार्य किया गया है। करीब 108.27 लाख लोगों की ई-केवाईसी शेष है, और तय समयसीमा तक प्रक्रिया पूरी न होने पर राशन वितरण में बाधा आ सकती है।

Abhishek Singh
Published:

मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लाभार्थियों को राशन का लाभ निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए 30 अप्रैल 2025 तक ई-केवाईसी (e-KYC) कराना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ग्राम और मोहल्लों में विशेष शिविर आयोजित कर ई-केवाईसी प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए। राज्य में 543.31 लाख पात्र लाभार्थियों में से लगभग 108.27 लाख लोगों की ई-केवाईसी अभी बाकी है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अंतिम अवसर है; निर्धारित समय सीमा तक प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर संबंधित लाभार्थियों को राशन वितरण में कठिनाई हो सकती है। ​

9 अप्रैल से सक्रिय हुआ विशेष अभियान

प्रदेशभर में 9 अप्रैल से 30 अप्रैल तक ई-केवायसी अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अवधि के दौरान शेष लाभार्थियों की सूची पीओएस मशीनों, स्थानीय निकायों तथा जेएसओ लॉगिन के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। इस कार्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ-साथ नगरीय प्रशासन विभाग भी सक्रिय सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

कलेक्टरों को जिलावार e-KYC की समीक्षा की जिम्मेदारी

अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने सभी संभागायुक्तों एवं कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि वे जिलावार ई-केवायसी प्रक्रिया की निगरानी सुनिश्चित करें और प्रतिदिन निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप कार्य संपन्न कराएं। साथ ही, अभियान के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कैम्प आधारित प्रक्रिया, टीमों को दिए गए कड़े निर्देश

मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ई-केवायसी कैंप ग्रामवार एवं मोहल्लेवार आयोजित किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी नए क्षेत्र में कार्य प्रारंभ करने से पहले पूर्व क्षेत्र के सभी लाभार्थियों की ई-केवायसी प्रक्रिया पूर्ण हो। इसके अतिरिक्त, यदि कोई लाभार्थी निधन हो चुका हो, स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित हो गया हो या उसका नाम डुप्लीकेट हो, तो उसकी प्रविष्टि ‘एम राशन मित्र’ पोर्टल पर हटाने के लिए की जाए।