
नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद मध्यप्रदेश बोर्ड ने अपनी प्रवेश और परीक्षा प्रक्रिया में कई अहम बदलाव किए हैं। वर्ष 2025-26 के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक की प्रवेश नीति जारी कर दी गई है, जिसके तहत अब 9वीं में केवल वही विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे जिनकी आयु कम से कम 13 वर्ष होगी।
बोर्ड परीक्षा के फॉर्म 1 जुलाई, मंगलवार से भरने शुरू होंगे। इस बार परीक्षा फॉर्म भरने के लिए अपार ID को अनिवार्य कर दिया गया है। कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म 1 जुलाई से 15 सितंबर तक भरे जाएंगे, जिनका शुल्क ₹1200 होगा। वहीं, 9वीं कक्षा में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया 1 जुलाई से 30 सितंबर तक चलेगी, जिसमें छात्रों को ₹350 शुल्क जमा करना होगा।

फॉर्म में हुई गलती तो प्रिंसिपल की होगी ज़िम्मेदारी
मान्यता प्राप्त संस्थाओं के प्राचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों के परीक्षा फॉर्म में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। उन्हें यह घोषणा-पत्र भी ऑनलाइन अपलोड करना अनिवार्य होगा कि सभी आवेदन सही और त्रुटिरहित हैं। यदि यह घोषणा-पत्र अपलोड नहीं किया गया, तो संबंधित संस्था के विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र बोर्ड द्वारा जारी नहीं किए जाएंगे। किसी भी प्रकार की गलती पाए जाने पर इसकी पूरी ज़िम्मेदारी संबंधित प्राचार्य की होगी। इसी कारण इस बार अधिकांश स्कूलों ने समय रहते नामांकन और दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
एग्जाम से पहले मिलेगा डमी एडमिट कार्ड
इस वर्ष एमपी बोर्ड ने छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक अहम बदलाव किया है। परीक्षा या नामांकन फॉर्म की अंतिम तिथि के सात दिन बाद, बोर्ड डमी प्रवेश पत्र जारी करेगा। प्रत्येक विद्यालय प्रमुख को यह डमी प्रवेश पत्र डाउनलोड कर यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र के विषय और माध्यम की जानकारी में कोई त्रुटि नहीं है। इस विवरण का सत्यापन विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से कराना अनिवार्य होगा, ताकि अंतिम प्रवेश पत्र त्रुटिरहित जारी हो सके।