ठंड के मौसम में मध्य प्रदेश के कई शहर, जैसे भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सिंगरौली, गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं। ग्वालियर की स्थिति तो दिल्ली जैसी खराब हो जाती है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच जाता है। बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण पुरानी गाड़ियों का धुआं और खराब सड़कें हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने दिल्ली की तर्ज पर एक सख्त योजना लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
राज्य में बनेगा ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवत्ता कार्यक्रम’ जैसा मॉडल
राज्य सरकार अब राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की तर्ज पर एक राज्य-स्तरीय वायु गुणवत्ता सुधार योजना बनाएगी। इसके तहत उन शहरों को चिन्हित किया जाएगा जहां एक्यूआई 100 या उससे अधिक रहता है और उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस योजना पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए। साथ ही, सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए शिप्रा और कान्ह नदी के जल की गुणवत्ता की लगातार निगरानी करने का भी आदेश दिया गया है।

एमपी बन रहा पुरानी गाड़ियों का हब
मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में पुरानी गाड़ियां बाहर के राज्यों से लाकर बेची जा रही हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से पुराने वाहन एमपी में धड़ल्ले से आ रहे हैं, जिनकी सही से जांच भी नहीं हो रही। नतीजतन, ये गाड़ियां सड़कों पर जहरीला धुआं छोड़ रही हैं और लोगों को बीमार कर रही हैं। ठंड में नमी बढ़ने से ये प्रदूषक भारी होकर नीचे जम जाते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है।
वायु प्रदूषण रोकने के लिए होंगे ये कड़े कदम
- 100 या अधिक AQI वाले शहरों के पिछले 5 सालों के डेटा का अध्ययन कर कार्रवाई की जाएगी।
- शहरों की मुख्य सड़कों को कच्चा नहीं छोड़ा जाएगा, किनारे पेवर ब्लॉक लगाए जाएंगे।
- गुणवत्तायुक्त सड़कों का निर्माण होगा ताकि धूल-मिट्टी कम हो।
- गेहूं कटाई के समय कलेक्टर पराली जलाने पर सख्त निगरानी रखें।
- किसानों को पराली से भूसा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि चारा संकट भी दूर हो।
भोपाल का बड़ा तालाब रहेगा संरक्षित
भोपाल का बड़ा तालाब ऐतिहासिक धरोहर है और इसे संरक्षित करने पर भी जोर दिया गया है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तालाब के किनारों पर अतिक्रमण की जांच की जाए, कारणों का पता लगाया जाए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। रामसर साइटों पर भी ध्यान दिया जाएगा, और यदि मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ की गई है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
दिल्ली मॉडल से प्रेरित एमपी सरकार
दिल्ली में हाल ही में 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। नई नीति के अनुसार, 1 अप्रैल से 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा। मध्य प्रदेश भी इसी मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रहा है ताकि पुरानी गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके और राज्य में स्वच्छ वायु सुनिश्चित की जा सके।