मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शराब बंदी की घोषणा के तहत 1 अप्रैल से नगर सीमा की 17 शराब दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। इस निर्णय का असर बार और होटल में बिकने वाली शराब पर भी पड़ेगा। अगर किसी ने इन दुकानों के बंद होने के बाद भी शराब परोसी, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, विशेष रूप से कालभैरव मंदिर के पास स्थित दो शराब दुकानों को इस बंदी से छूट दी गई है, जहां भक्तों के लिए भोग चढ़ाने के उद्देश्य से शराब बिकती रहेगी।
इस शराब बंदी की घोषणा के बाद लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शराब पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लोग घर पर अपनी 4 बोतल शराब रख सकते हैं और पी सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने या वाहन चलाने पर सख्त पाबंदी रहेगी। शराब पार्टी आयोजित करने के लिए अब लोगों को शहर से बाहर अनुमति लेनी होगी, और इसके लिए आबकारी विभाग से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी।

शराब पीकर शहर में प्रवेश पर रोक
धार्मिक शहर होने के नाते उज्जैन में शराब पीकर प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। पुलिस ने बाहरी मार्गों पर ब्रीथ एनालाइजर चेकिंग शुरू कर दी है, और पिछले दो महीने में 100 से अधिक शराबी वाहन चालकों को पकड़ा गया है। इन पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत कार्रवाई की जा रही है। शराब पीकर शहर में प्रवेश करने वाले वाहन चालकों को रोका जा रहा है और शराब बंदी के बाद सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है।
शहर में बढ़ रही हैं शराब की तस्करी
शराब बंदी के इस निर्णय के बाद शहर में शराब तस्करी बढ़ गई है। झुग्गी-झोपड़ी और निचली बस्तियों में तस्करों ने शराब का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। यह चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि यह अवैध व्यापार शहर में शराब की तस्करी को बढ़ावा दे सकता है।
ये शराब दुकानें होंगी बंद
शराब बंदी के तहत उज्जैन के इंदौर गेट, मकोडिया आम, कोयला फाटक, फाजलपुरा, टंकी चौक, छत्री चौक, केडी गेट, नई सड़क, जयसिंहपुरा, नीलगंगा, कवेलू कारखाना, फ्रीगंज जीरो पाइंट, नानाखेड़ा बस स्टैंड-1, नानाखेड़ा बस स्टैंड-2, सांवेर रोड दो तालाब, पंवासा, नागझिरी-1 और नागझिरी-2 की 17 शराब दुकानें हमेशा के लिए बंद कर दी जाएंगी।