मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने 2 मई से राज्यभर में लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य बेटियों के सम्मान और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस उत्सव का आयोजन सभी जिलों के नगरीय निकायों और पंचायतों में किया जाएगा, जहां की तैयारियां जोरों पर हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उत्सव को बेटियों के लिए एक नया संदेश देने वाली पहल बताया, जिसमें उन्हें सम्मान, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के अवसर प्रदान करने की दिशा में काम किया जाएगा।

कार्यक्रम की विशेषताएँ
लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का संचालन खुद लाड़ली बालिकाओं द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में कन्या पूजन, दीप प्रज्ज्वलन, प्रेरक उद्बोधन और मार्शल आर्ट का प्रदर्शन शामिल होंगे। “अपराजिता” नामक विशेष कार्यक्रम के तहत बालिकाएं अपनी ताकत और आत्मविश्वास का प्रदर्शन करेंगी। इस उत्सव के जरिए जिले, नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में बेटियों के सम्मान और उनके सशक्तिकरण का संदेश जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।
उत्कृष्ट बालिकाओं और पंचायतों का सम्मान
इस उत्सव में उन बालिकाओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने शिक्षा, खेल या अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं। साथ ही, “लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतों” का भी सम्मान किया जाएगा, जो योजना के तहत बेटियों के विकास और सशक्तिकरण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
पौधरोपण और आश्वासन प्रमाण-पत्र वितरण
कार्यक्रम में “एक पेड़ लाड़ली लक्ष्मी के नाम” अभियान के तहत जनप्रतिनिधियों और बालिकाओं द्वारा पौधरोपण किया जाएगा। इसके अलावा, सभी लाड़ली बालिकाओं को आश्वासन प्रमाण-पत्र भी वितरित किए जाएंगे, जो उन्हें उनके अधिकार और अवसरों की याद दिलाएंगे। लाड़ली क्लब की सदस्य बालिकाएं इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करेंगी, जिससे अन्य बालिकाओं को प्रेरणा मिल सके।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभ
लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत प्रदेश की बेटियों को शिक्षा के विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता दी जाती है। 6वीं कक्षा में प्रवेश पर 2,000 रुपए, 9वीं कक्षा में प्रवेश पर 4,000 रुपए, और 11वीं कक्षा में एडमिशन पर 7,500 रुपए मिलते हैं।
इसके अलावा, 11वीं और 12वीं कक्षा में हर महीने 200 रुपए की सहायता दी जाती है। जब कोई बालिका 21 वर्ष की हो जाती है और 18 साल से पहले शादी नहीं करती, तो उसे एकमुश्त 1 लाख रुपए की राशि दी जाती है।