एमपी के इस शहर से जुड़ेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, दूरी होगी कम, सफर होगा आसान

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की घोषणा की, जिससे दिल्ली और मुंबई तक यात्रा समय में कमी आएगी। इसके लिए 90 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाई जाएगी, जिसकी लागत 3000 करोड़ रुपये होगी। परियोजना के तहत डीपीआर तैयार हो रही है, और इसे अगले डेढ़ साल में शुरू किया जाएगा।

Srashti Bisen
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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में यह महत्वपूर्ण घोषणा की कि इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के तहत इंदौर को बेहतर यातायात कनेक्टिविटी प्राप्त होगी, जिससे दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों तक पहुंचने में समय की बचत होगी। वर्तमान में, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (DPR) तैयार करने में जुटा हुआ है।

3000 करोड़ की लागत से 90 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क

इस परियोजना के तहत इंदौर को अहमदाबाद हाईवे से जोड़ने के लिए एक नया मार्ग विकसित किया जाएगा। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि इस हाईवे का निर्माण घाटा बिल्लौद, लेबड़ होते हुए बदनावर तक किया जाएगा। इसके बाद बदनावर से टिमरवानी तक एक नई फोरलेन सड़क बनाई जाएगी, जो सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ सकेगी। इस मार्ग की कुल लंबाई लगभग 90 किलोमीटर होगी, और इसे बनाने में करीब 3000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

इस रास्ते के माध्यम से, इंदौर को सिर्फ अहमदाबाद रोड से ही नहीं, बल्कि उज्जैन रोड के जरिए भी एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जा सकता है, जिससे इंदौर का कनेक्शन और भी मजबूत हो जाएगा।

परियोजना की शुरुआत और समयसीमा

इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार हो रही है, और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने की प्रक्रिया भी चल रही है। इसके बाद जमीन अधिग्रहण और टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी, जो अगले डेढ़ साल में पूरी होने की संभावना है।

दिल्ली और मुंबई तक की दूरी होगी कम

नई एक्सप्रेस-वे कनेक्टिविटी के बाद इंदौर से दिल्ली और मुंबई जाने का सफर काफी तेज और सुविधाजनक हो जाएगा। यह मार्ग इंदौर के लिए एक नई दिशा को खोलने जैसा होगा, क्योंकि पहले की तुलना में दूरी कम हो जाएगी और वाहनों का आवागमन बड़े शहरों तक सुगम होगा। इससे न केवल यात्री यात्रा आसान होगी, बल्कि माल ढुलाई में भी गति आएगी, जो व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।