60% विकसित भूमि देगी सरकार, MP में यहां बनेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर, इन गांवों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश में इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर और अहिल्या पथ को मिलाकर 40 किलोमीटर लंबा नया कॉरिडोर बनेगा, जो इंदौर के औद्योगिक और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देगा। सरकार ने इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंतर्गत भूमि देने वाले किसानों को 60% विकसित भूखंड देने का निर्णय लिया, जबकि अहिल्या पथ के किसानों को 50% भूखंड मिलेगा।

Srashti Bisen
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MP News : मध्य प्रदेश में इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर और अहिल्या पथ को मिलाकर एक नया 40 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनने जा रहा है। यह कॉरिडोर पीथमपुर से सीधे उज्जैन रोड को जोड़ेगा, जिससे इंदौर के उद्योगिक और व्यावसायिक विकास को नई दिशा मिलेगी। इस परियोजना के तहत सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए अधिग्रहित भूमि के बदले 60% विकसित भूखंड देने का निर्णय लिया है। यह फैसला इकोनॉमिक कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

हालाँकि, इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत भूमि देने वाले किसानों के लिए यह 60% भूखंड नीति लागू होगी, लेकिन अहिल्या पथ योजना पर इसे लागू नहीं किया जाएगा। अहिल्या पथ योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों को केवल 50% विकसित भूखंड ही मिलेगा। इस निर्णय से किसानों में निराशा का माहौल है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें भी इकोनॉमिक कॉरिडोर के समान ही विकसित भूखंड मिलेंगे।

क्यों अलग है इकोनॉमिक कॉरिडोर और अहिल्या पथ का मॉडल?

इस संबंध में, इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अध्यक्ष और संभागायुक्त दीपक सिंह ने स्पष्ट किया कि इकोनॉमिक कॉरिडोर में औद्योगिक विकास होगा, जहाँ सड़क कम होने के कारण विकसित प्लॉट का आकार बड़ा होगा। वहीं, अहिल्या पथ पर आवासीय और व्यावसायिक निर्माण के लिए अधिक क्षेत्र लिया जाता है, जिससे विकसित भूखंड कम मिलते हैं। इसीलिए, अहिल्या पथ के किसानों को कम विकसित प्लॉट मिलेंगे।

इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का रूट प्लान

इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर 40 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से 19.4 किलोमीटर हिस्सा पीथमपुर सेक्टर 7 से शुरू होगा और एयरपोर्ट के पास स्थित ग्राम रिंजलाय तक पहुंचेगा। इसके बाद रिंजलाय से उज्जैन रोड के रेवती तक 15 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। दोनों सड़कों की चौड़ाई 75 मीटर होगी, और इन दोनों मार्गों पर 300-300 मीटर ज़मीन अधिग्रहित की जाएगी।

क्यों महत्वपूर्ण है किसानों के लिए यह कॉरिडोर?

यह कॉरिडोर किसानों को न केवल बेहतर अवसर प्रदान करेगा, बल्कि नए उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी एक आकर्षक जगह बनेगा। इसमें एमपीआइडीसी की योजनाओं के तहत औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय ज़मीन के लिए प्लॉट्स का विकास किया जाएगा। इस क्षेत्र में फिनटेक सिटी, आईटी हब, और होटल्स के लिए बड़े प्लॉट्स भी तैयार किए जाएंगे।

अहिल्या पथ पर कैसे होंगे विकास कार्य?

अहिल्या पथ के 15 किलोमीटर लंबे मार्ग पर कुल 1400 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य किया जाएगा। यहां 400 करोड़ रुपये की लागत से पांच प्रमुख योजनाओं को लागू किया जाएगा। इनमें से एक प्रमुख योजना पालाखेड़ी और बुढ़ानिया गांव के 214 हेक्टेयर क्षेत्र में फिनटेक सिटी का निर्माण है, जिसमें फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनियों को क्लस्टर-बेस्ड डेवलपमेंट के तहत ज़मीन दी जाएगी। साथ ही, आसपास हाई पैकेज वाले कर्मचारियों के लिए आवासीय परियोजनाएं भी तैयार की जाएंगी।

गोल्फ सिटी का प्रक्षेपण

अहिल्या पथ पर एक और खास योजना गोल्फ सिटी का निर्माण भी प्रस्तावित है। यह गोल्फ सिटी 566 हेक्टेयर में विकसित होगी, जिसमें 18 होल गोल्फ कोर्स होगा, जिसे तीन जोनों और 12 क्लस्टर में विभाजित किया जाएगा। यह योजना न केवल खेल प्रेमियों के लिए, बल्कि पर्यटकों और निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगी।