
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में मेघालय पुलिस ने एक बार फिर लव ट्रायंगल और कारोबारी हितों को हत्या की प्रमुख वजह बताया है। शिलांग में हुई इस हाई-प्रोफाइल हत्या की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, राज, सोनम और राजा के बीच रिश्तों और पैसों के लेन-देन की परतें खुलती जा रही हैं।
ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि सोनम और राज दोनों अलग-अलग कंपनियों के मालिक हैं और एक-दूसरे के नजदीक भी थे। पुलिस को आशंका है कि दोनों अपने कारोबारी हितों और निजी संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते थे और इसमें राजा रघुवंशी बाधा बन रहा था। इसी वजह से हत्या की साजिश रची गई। सोनम की यह ख्वाहिश थी कि वह एक सफल बिजनेस वुमन बने और राज के साथ मिलकर अपना व्यापार विस्तार करे।

हवाला ट्रांजेक्शन की कड़ी से जुड़े सुराग
जांच में यह बात भी सामने आई है कि सोनम और राज का हवाला कारोबार से जुड़ाव था और उनके खातों से बड़े स्तर पर लेन-देन किए गए हैं। पुलिस को शक है कि यह फाइनेंशियल नेटवर्क भी हत्या की वजहों में से एक हो सकता है। इन लेन-देन से जुड़ी अहम जानकारी सोनम के लैपटॉप में हो सकती है, जिसकी पुलिस को अब तलाश है।
डिजिटल सबूत मिटाने की कोशिश
पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि आरोपी शिलोम जेम्स ने सोनम का लैपटॉप इसलिए फेंक दिया था ताकि उस पर किसी तरह के डिजिटल सबूत न मिलें और वह कानूनी गिरफ्त से बच सके। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह लैपटॉप कहां और कैसे नष्ट किया गया।
इंदौर में सोनम की गतिविधियां
हत्या के बाद सोनम सीधे शिलांग से इंदौर लौटी और यहां 30 मई से 7 जून तक हीराबाग क्षेत्र के जी-1 फ्लैट में रुकी रही। यह फ्लैट लोकेंद्र सिंह तोमर के नाम पर है, जो इस केस का एक प्रमुख आरोपी है। 8 जून की सुबह, सोनम टैक्सी के जरिए इंदौर से गाजीपुर रवाना हो गई।
आरोपी गिरफ्त में, जांच जारी
अब तक इस मामले में लोकेंद्र सिंह तोमर, शिलोम जेम्स और बलवीर को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन तीनों पर हत्या से जुड़े सबूतों को मिटाने का आरोप है। पुलिस अब हत्या की गहराई से परतें खोलने में जुटी है और सोनम के लैपटॉप को अहम कड़ी मान रही है, जिससे हवाला नेटवर्क और हत्या की योजना के और साक्ष्य मिलने की उम्मीद है।