MP में यहां पटवारियों की मोनोपोली होगी खत्म, बदलेंगे क्षेत्र, कलेक्टर ने SDM को दिए आदेश

इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने पटवारियों की दादागिरी खत्म करने के लिए उनके कार्य क्षेत्रों में रेंडमाइजेशन पद्धति से बदलाव करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, सुशासन संवाद केंद्र के माध्यम से नागरिकों से फीडबैक लिया जाएगा और समग्र आइडी की ई-केवायसी प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी।

Srashti Bisen
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इंदौर में पटवारियों की दादागिरी अब खत्म होने वाली है। वर्षों से एक ही जगह जमे पटवारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने अहम निर्देश दिए हैं। इसके तहत पटवारियों के क्षेत्रों में बदलाव किया जाएगा, जिससे उनकी मोनोपॉली खत्म हो सके।

कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर के सुशासन संवाद केंद्र को खोलने का फैसला लिया है, ताकि नागरिकों से सीधे फीडबैक लिया जा सके। इस केंद्र के माध्यम से कई आवेदकों ने पटवारियों द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायतें की हैं। शिकायतों के बाद कलेक्टर ने पटवारियों के तबादले के लिए एक नया और प्रभावी तरीका अपनाने का फैसला किया है।

रेंडमाइजेशन से पटवारियों का कार्य क्षेत्र बदलेगा

कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को एक बैठक में आदेश दिया कि तहसीलवार रेंडमाइजेशन पद्धति के जरिए पटवारियों के कार्य क्षेत्रों में बदलाव किया जाए। इस कदम के तहत सभी पटवारियों को नए हलके (कार्य क्षेत्र) दिए जाएंगे। यह कदम पहली बार लागू किया जा रहा है और इसका उद्देश्य पटवारियों के बीच पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करना है। सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों की पटवारी सूची तैयार करने और एनआईसी सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। पटवारियों को अपने नए कार्य क्षेत्रों में शुक्रवार तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।

समग्र आइडी की E-KYC पर जोर

बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने समग्र आइडी की ई-केवायसी प्रक्रिया की भी समीक्षा की। इस कार्य में नगर निगम क्षेत्र को विशेष प्राथमिकता दी गई है, ताकि नागरिकों का डेटा सही और अपडेटेड रहे। इसके साथ ही, कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को लागू किया जाए, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ सके।