Ranjeet Hanuman Prabhat Feri Date : इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र स्थित सुप्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर की ऐतिहासिक प्रभातफेरी इस वर्ष 12 दिसंबर को निकाली जाएगी। मंदिर समिति और प्रशासन द्वारा इसकी व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। अनुमान है कि इस बार प्रभातफेरी में दो लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे।
धार्मिक उल्लास के इस महापर्व की शुरुआत 9 दिसंबर से चार दिवसीय महोत्सव के रूप में होगी। प्रभातफेरी का मुख्य आयोजन 12 दिसंबर को सुबह चार बजे शुरू होगा। यह यात्रा मंदिर प्रांगण से आरंभ होकर उषा नगर, महूनाका चौराहा, अन्नपूर्णा मंदिर और नरेंद्र तिवारी मार्ग होते हुए वापस मंदिर पर समाप्त होगी।
डीजे पर रोक
इस वर्ष आयोजन समिति ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रभातफेरी में डीजे वाहनों के शामिल होने पर रोक लगा दी है। इसके स्थान पर पारंपरिक और सांस्कृतिक स्वरूप को बढ़ावा दिया जाएगा। यात्रा में भजन मंडलियां, नर्तक दल और नासिक के विशेष बैंड अपनी प्रस्तुति देंगे।
श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रामायण प्रसंगों पर आधारित दो विशेष झांकियां होंगी, जिनका निर्माण करवाया जा रहा है। इसके साथ ही बाबा रणजीत हनुमान के पारंपरिक स्वर्ण रथ का रखरखाव और रंग-रोगन भी किया जा रहा है, जिस पर सवार होकर भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
स्वागत के लिए सजेंगे पकवान
रणजीत हनुमान की प्रभातफेरी का स्वागत इंदौर की अद्भुत परंपरा का हिस्सा है। चार किलोमीटर लंबे रूट पर स्थानीय रहवासी पूरी रात जागकर तैयारियों में जुटे रहते हैं। भक्तों के स्वागत के लिए जगह-जगह मंच लगाए जाते हैं।
श्रद्धालुओं को चाय-पोहे से लेकर केसरिया दूध, गाजर का हलवा, कलाकंद, सूप और बिस्किट जैसे व्यंजन प्रसादी के रूप में वितरित किए जाते हैं। ये व्यवस्थाएं विभिन्न भक्त मंडलियों और रहवासी संघों द्वारा अपने स्तर पर की जाती हैं। हालांकि, इस बार प्रशासन ने स्वागत मंचों के लिए गाइडलाइन तय की है ताकि सड़क पर यातायात बाधित न हो और मंच ज्यादा जगह न घेरें।
ठेले से स्वर्ण रथ तक का सफर
रणजीत हनुमान की प्रभातफेरी का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। वर्ष 1985 में पहली बार यह यात्रा एक साधारण ठेले पर निकाली गई थी। उससे पहले भक्त केवल भगवान की तस्वीर हाथों में लेकर निकलते थे। शुरुआती दौर में यह यात्रा केवल मंदिर से महूनाका चौराहे तक ही सीमित थी।
समय के साथ इसका स्वरूप भव्य होता गया। वर्ष 2008 में यात्रा बग्घी पर निकाली गई और फिर भक्तों ने भव्य रथ बनवाने का निर्णय लिया। 2015 में पहली बार रणजीत बाबा रथ पर सवार होकर निकले। पिछले तीन वर्षों से इस आयोजन में डेढ़ लाख से ज्यादा भक्त शामिल हो रहे हैं।
दीपावली जैसा उत्सव
प्रभातफेरी के दौरान पूरा यात्रा मार्ग भगवा पताकाओं और ध्वजों से सजाया जाएगा। यह सजावट 10 दिसंबर से शुरू हो जाएगी। जब सुबह चार बजे मंदिर परिसर से बाबा का रथ बाहर आता है, तो भव्य आतिशबाजी की जाती है। पूरे मार्ग पर स्वागत मंचों से भी आतिशबाजी होती है, जिससे शहर में दीपावली जैसा माहौल बन जाता है। अब इस भव्य आयोजन का साक्षी बनने के लिए इंदौर के अलावा आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं।










