मध्यप्रदेश में नए साल की शुरुआत बिजली उपभोक्ताओं के लिए महंगी साबित हो सकती है। राज्य की पावर जनरेशन कंपनी ने मप्र विद्युत नियामक आयोग के सामने बिजली दरों में 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। आयोग इस प्रस्ताव पर आम जनता और हितधारकों की राय जानने के लिए जन सुनवाई आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। जन सुनवाई के बाद ही आयोग इस पर अंतिम निर्णय लेगा। फिलहाल इस प्रस्ताव ने उपभोक्ताओं में नए साल के बिजली बिलों को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
15 दिसंबर को हो सकती है पहली जनसुनवाई
आयोग के सूत्रों के अनुसार, कंपनी के प्रस्ताव का प्रारंभिक अध्ययन करने के बाद आपत्तियों को आमंत्रित किया जाएगा। पहली जन सुनवाई 15 दिसंबर को होने की संभावना है, हालांकि आयोग ने अभी इसका औपचारिक कार्यक्रम जारी नहीं किया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बढ़ोतरी को बताया अनिवार्य
नियामक आयोग मुख्यालय में दायर याचिका में कंपनी ने कहा है कि लगातार बढ़ते लाइन लॉस और वित्तीय दबाव के कारण बिजली दरों में संशोधन करना आवश्यक हो गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित वृद्धि अधिकतम 10% तक हो सकती है, हालांकि अंतिम फैसला जन सुनवाई के बाद ही लिया जाएगा।
आठ महीने पहले ही बढ़े थे दाम
इस साल अप्रैल से ही उपभोक्ताओं को पहले से बढ़े हुए टैरिफ के अनुसार बिल भरना पड़ रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनियों ने 7.52% वृद्धि की मांग की थी, लेकिन आयोग ने केवल 3.46% की वृद्धि को मंजूरी दी। इसके परिणामस्वरूप घरेलू, गैर-घरेलू और कृषि श्रेणियों में प्रति यूनिट दरों में मामूली बढ़ोतरी हुई और फिक्स चार्ज भी बढ़ा दिया गया।









