इंदौर के कई बड़े अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने मारा छापा, करोड़ो के घोटाले की आशंका, आयुष्मान लाभार्थियों की हो रही पड़ताल

आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़े की आशंका के चलते भोपाल स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम ने इंदौर के प्रमुख अस्पतालों में अचानक छापेमारी कर भर्ती मरीजों और इलाज की स्थिति की जांच की। जांच में कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल थे, हालांकि रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

Srashti Bisen
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इंदौर के कई बड़े अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने मारा छापा, करोड़ो के घोटाले की आशंका, आयुष्मान लाभार्थियों की हो रही पड़ताल

केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, अब फर्जीवाड़े और घोटालों की चपेट में आती दिख रही है।

बीते कुछ दिनों में कई बार इस योजना से जुड़े अस्पतालों में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इन्ही शिकायतों को देखते हुए भोपाल स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम ने शनिवार को इंदौर के प्रमुख अस्पतालों में अचानक जांच अभियान चलाया।

आयुष्मान लाभार्थियों की हो रही पड़ताल

जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि आयुष्मान योजना के तहत पोर्टल पर जिन मरीजों को भर्ती बताया गया है, वे वास्तव में अस्पताल में हैं भी या नहीं। इसके साथ ही यह भी जांचा गया कि क्या उनकी हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें भर्ती करना जरूरी था और क्या उन्हें उचित इलाज मिल रहा है। टीम ने यह भी देखा कि कहीं किसी प्रकार से मरीजों की आड़ में सरकारी पैसे का दुरुपयोग तो नहीं किया जा रहा।

इंदौर के कई बड़े अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने मारा छापा

इस जांच अभियान में इंदौर के कई नामी-गिरामी अस्पताल शामिल थे, जैसे भंडारी हॉस्पिटल, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, सीएचएल केयर, टी. चोइथराम हॉस्पिटल, ओ-2, किब्स, गोकुलदास, राज श्री, अपीली वेदांत, मेडिकेयर स्क्वेयर, सलूजा आई केयर, गीता भवन हॉस्पिटल, वर्मा यूनियन, एमिनेट, शंकर आई हॉस्पिटल, एसएनजी और वी-वन हॉस्पिटल सहित अन्य। लगभग हर प्रमुख प्राइवेट अस्पताल को इस जांच के दायरे में लाया गया।

विशेष जांच टीम ने की जांच

भोपाल से आई इस विशेष जांच टीम में करीब 12 अधिकारी शामिल थे, जिनकी मदद के लिए स्थानीय स्तर पर इंदौर से 14 और अधिकारियों को भी तैनात किया गया था। कुल मिलाकर लगभग दर्जनभर टीमें बनाई गई थीं और हर टीम में दो विशेषज्ञ अधिकारी नियुक्त किए गए थे। टीम में डॉक्टर, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, हेल्थ इंश्योरेंस विशेषज्ञ, आईटी सलाहकार और बिजनेस एनालिस्ट भी शामिल थे, जिससे जांच को हर दृष्टिकोण से निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सटीक बनाया जा सके।

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई कार्रवाई

जांच की निगरानी खुद आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. योगेश भरसट द्वारा की गई। उनके साथ भोपाल से आए वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी जैसे डॉ. इंद्रजीत सिकरवार, डॉ. अरविंद गढ़वाल, डॉ. नवीन दीवान, डॉ. रविंद पाल, डॉ. ऋषिटाज सिंह, डॉ. सुदीप सरकार और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर जांच टीम का हिस्सा रहे। वहीं इंदौर से भी कई स्थानीय चिकित्सक और अधिकारी इस अभियान में सम्मिलित हुए।

सीएमएचओ ने की छापेमारी की पुष्टि

इंदौर के सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी ने इस छापामार कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि भोपाल से जांच टीम आई थी और उन्होंने अस्पतालों से आवश्यक जानकारी एवं रिकॉर्ड जुटाए हैं। हालांकि, टीम ने जांच के निष्कर्षों को स्थानीय प्रशासन के साथ साझा नहीं किया है और पूरी कार्रवाई सीधे भोपाल स्तर पर संचालित की जा रही है।