मुख्यमंत्री मोहन यादव बुधवार को धार जिले के कुक्षी जाने के लिए इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की आज़ादी के आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ-साथ प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी कार्य किया था। उस समय, मंदिर के लोकार्पण समारोह में पंडित नेहरू को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने उसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांधी परिवार आज भी राम मंदिर के दर्शन से दूरी बनाए हुए है। हालांकि, यदि कांग्रेस अब सरदार पटेल के आदर्शों पर चलने की बात कर रही है, तो देर से सही, पर दिशा सही है।
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना को आधार बनाकर देशभर में हमारी सरकारें जनसेवा में जुटी हैं। जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, वहां तेज़ी से विकास कार्य हो रहे हैं और समृद्धि की राह पर निरंतर प्रगति हो रही है।

बंगाल में जारी आंदोलनों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने वक्फ बिल का विरोध किया था, अजीब संयोग है कि वही स्थान अब हिंसा की चपेट में हैं। इससे कांग्रेस की साजिशें उजागर हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वोटबैंक की राजनीति के तहत एक विशेष वर्ग को साधने के प्रयास में बहुसंख्यकों के अधिकारों की अनदेखी की है। कुक्षी में दो कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वे मांडू स्थित पर्यटन स्थल के लिए रवाना हुए। इससे पहले इंदौर विमानतल पर भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया।