मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को इंदौर प्रवास पर रहे, जहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान वे समरसता सम्मेलनों में शामिल हुए और शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 64 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार अपने संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरी निष्ठा से पूरा कर रही है। हमने जो कहा, उसे निभाया — लाड़ली बहनों को 1,500 रुपये की राशि देना शुरू किया गया है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि कांग्रेस के एक स्थानीय नेता इस योजना पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं और कहते हैं कि “बहनें इस पैसे से शराब खरीद लेती हैं। ”सीएम ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को समझ नहीं आता कि उन्हें किस बात का नशा चढ़ा है — कभी आपातकाल थोपते हैं, तो कभी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं।
लाडली बहना योजना से अब तक 40 हजार करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस को सत्ता मिलती है, तो उनका व्यवहार असंतुलित हो जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह भूल जाती है कि ‘लाडली बहना योजना’ वर्ष 2023 में शुरू हुई थी, और तब से अब तक महिलाओं को 40 हजार करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य का मौजूदा बजट 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपये का है, जो हमारी कार्यशैली को दर्शाता है। इसके विपरीत, कांग्रेस सरकार के समय 1993 से 2003 के बीच बजट मात्र 30 हजार करोड़ रुपये का हुआ करता था।
मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि 1956 में जब मध्य प्रदेश का गठन हुआ था, तब गेहूं का समर्थन मूल्य 100 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2003 तक केवल 500 रुपये तक पहुंचा — यानी 55 वर्षों में सिर्फ 400 रुपये की वृद्धि हुई। जबकि भाजपा सरकार ने किसानों से 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा, जो हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
गरीबों के इलाज के लिए शुरू की एयर एंबुलेंस सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की कार्यशैली अन्य सरकारों से अलग है। हमने इंदौर और महेश्वर में कैबिनेट बैठकों का आयोजन किया है, ताकि प्रशासन जनता के बीच रहकर निर्णय ले सके। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य हर समाज को साथ लेकर आगे बढ़ना है, क्योंकि यही हमारी संस्कृति और विचारधारा की मूल भावना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गरीबों के इलाज के लिए सरकार एयर एंबुलेंस सुविधा भी उपलब्ध करा रही है, जिससे जरूरतमंदों को समय पर उपचार मिल सके।









