इंदौर नगर निगम ने बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के लिए विस्तृत सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, कॉरिडोर को तोड़ने में लगभग 34.70 लाख का खर्च आएगा, जबकि मलबा और अन्य सामग्री की बिक्री से निगम को लगभग 3.71 करोड़ की आय होने की संभावना है। इस प्रक्रिया से निगम को शुद्ध रूप से 3.37 करोड़ का लाभ होगा।
राज्य सरकार ने पहले ही इस कॉरिडोर को हटाने का निर्णय लिया था, जिसे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मंजूरी भी मिल चुकी है । अब नगर निगम जल्द ही तोड़ाई की प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे शहर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

कॉरिडोर हटाने में खर्च कम
इंदौर नगर निगम ने बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण पूरा किया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, कॉरिडोर में आरसीसी बीम की कुल लंबाई 10,475 मीटर है, जिसकी चौड़ाई 0.35 मीटर और गहराई 0.30 मीटर है, जिससे कुल घनफल 2,199 घनमीटर होता है। इन बीमों को हटाने की अनुमानित लागत प्रति घनमीटर 786 के हिसाब से लगभग 17.29 लाख होगी।
इसके अतिरिक्त, 18 बस शेल्टर होम की कुल घनफल 344 घनमीटर है, जिनकी तोड़ाई पर 8.20 लाख का खर्च अनुमानित है। अन्य छोटे आरसीसी निर्माण 32,207 घनमीटर क्षेत्र में फैले हैं, और स्क्रब्स 40,105 घनमीटर में निर्मित हैं, जिन्हें हटाने पर 3.25 लाख का खर्च आएगा। कॉरिडोर के दोनों ओर लगी स्टील की रैलिंग, जिनका कुल क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गमीटर है, इन्हें निकालने पर भी कुछ खर्च आएगा। कुल मिलाकर, इस पूरी प्रक्रिया पर लगभग 34.70 लाख का खर्च आएगा।
मलबे से होगी बड़ी कमाई
इंदौर नगर निगम द्वारा किए गए नवीनतम आकलन के अनुसार, बीआरटीएस कॉरिडोर के विघटन से निगम को महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
स्टील स्क्रैप से आय- कॉरिडोर से लगभग 1.53 लाख किलोग्राम स्टील निकलेगा, जिसकी बिक्री से अनुमानित ₹46 लाख की आय हो सकती है।
रैलिंग और स्क्रैप मटेरियल- 10,000 मीटर लंबी रैलिंग और 90% ए-श्रेणी के स्क्रैप मटेरियल की बिक्री 45 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से की जा सकती है, जिससे लगभग 2.31 करोड़ की कमाई होने की संभावना है।
बस शेल्टर आइटम्स- बस शेल्टर होम में प्रयुक्त अतिरिक्त आइटम्स की बिक्री से अनुमानित 90 लाख की आय हो सकती है।
इस प्रकार, कुल मिलाकर, निगम को लगभग 3.71 करोड़ की प्राप्ति होने की संभावना है।