एमपी के इस शहर को मिली 150 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात, अगस्त से दौड़ेगी सड़कों पर

इंदौर शहर को पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत 150 नई इलेक्ट्रिक एसी बसें मिली हैं, जिनका संचालन अगस्त से शुरू होगा। इससे पर्यावरण संरक्षण, ट्रैफिक में सुधार और नगर निगम को सब्सिडी के रूप में आर्थिक राहत मिलेगी। इंदौर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।

Srashti Bisen
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पर्यावरण को स्वच्छ और यातायात को सुगम बनाने की दिशा में इंदौर शहर ने एक बड़ा कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा (PM E-Bus Seva) के तहत इंदौर को 150 नई इलेक्ट्रिक और एसी बसें आवंटित की गई हैं। इनका संचालन अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा। यह योजना न केवल पर्यावरण के हित में है, बल्कि नगर निगम के लिए भी किफायती साबित होगी।

सरकार देगी संचालन पर सब्सिडी

नगर निगम को इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर प्रतिकिलोमीटर 22 रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार से प्राप्त होगी। वर्तमान में एक बस पर निगम को प्रति किलोमीटर 58 रुपये का खर्च आता है। सब्सिडी से आर्थिक बोझ कम होगा और अधिक बसें चलाने की दिशा में मदद मिलेगी।

भोपाल में हुई समीक्षा बैठक, तय हुआ संचालन का खाका

इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर हाल ही में भोपाल में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उन सभी शहरों के अधिकारी शामिल हुए जिन्हें यह बसें मिलने वाली हैं। इंदौर से नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने हिस्सा लिया और बस संचालन से जुड़ी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। तय किया गया कि अगस्त के पहले सप्ताह में बसों का संचालन इंदौर में प्रारंभ कर दिया जाएगा। साथ ही नगर निगम को तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए गए हैं।

इलेक्ट्रिक बसों से होंगे ये खास फायदे

1. पर्यावरण को मिलेगा लाभ: डीजल और पेट्रोल बसों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसें कहीं अधिक पर्यावरण अनुकूल हैं। इनसे न केवल ध्वनि और वायु प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि शहर का कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा।

2. कार्बन क्रेडिट का लाभ: इलेक्ट्रिक बसों के चलते इंदौर नगर निगम को कार्बन क्रेडिट मिलेगा, जिसे वित्तीय लाभ में बदला जा सकता है।

3. सार्वजनिक परिवहन में सुधार: बसों की संख्या बढ़ने से नागरिकों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी। इससे निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी और ट्रैफिक दबाव में भी राहत मिलेगी।

4. शहर की साख में इजाफा: स्वच्छता में नंबर वन रहने वाला इंदौर अब सार्वजनिक परिवहन में भी देशभर में उदाहरण बन सकता है।