इंदौर और दाहोद के बीच रेल यात्रा को और भी सुगम बनाने के लिए, टिही गांव में प्रदेश की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड टनल का निर्माण कार्य जोरों पर है। यह टनल लगभग 2956 मीटर लंबी होगी, जो न केवल क्षेत्रीय रेल यातायात को गति देगी, बल्कि इसे एक संरचनात्मक और तकनीकी उपलब्धि भी माना जाएगा।
इस टनल की खुदाई के बाद अब तक 550 मीटर हिस्से में फिनिशिंग का काम पूरा किया जा चुका है, और यह काम निरंतर गति से जारी है।

वाटरप्रूफ और भूकंपरोधी तकनीकी समाधान
इस टनल की विशेष बात यह है कि इसके निर्माण में बेहद मजबूत और उन्नत तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। फिनिशिंग लाइन के माध्यम से इस टनल को वाटरप्रूफ और भूकंपरोधी बनाया जा रहा है। इसके निर्माण में तीन गेन्ट्री मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जो प्रति 48 घंटों में लगभग सात से आठ मीटर की फिनिशिंग करती हैं। काम की गति बढ़ाने के लिए, सोमवार से एक और गेन्ट्री मशीन को जोड़ने की योजना बनाई गई है, ताकि 48 घंटों में 20 मीटर फिनिशिंग की गति प्राप्त की जा सके।
टनल निर्माण की विशेषताएँ
टनल को सशक्त बनाने के लिए इसमें 530 मिमी तक कांक्रीट परत डाली जाएगी। इसके अलावा, 2956 मीटर लंबी टनल के बीच 1500 मीटर पर यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए एस्केप लिट भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा, टनल को अगले 100 वर्षों तक सुरक्षित और मजबूत रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
टनल की दीवारों पर लोहे के सरियों का जाल बिछाया गया है और उसके बाद कांक्रीट से उसे समतल किया गया है। इसके अलावा, सतह को फाइबर टेक्सटाइल से कवर किया गया है, जिससे यह भूकंपरोधी बन सके।
भूकंपरोधी और वाटरप्रूफ बनाने की विशेष तैयारी
टनल की दीवारों को मजबूती प्रदान करने के लिए कंक्रीट के साथ स्टील फाइबर का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह भूकंपरोधी बन सके। साथ ही, सतह को फाइबर टेक्सटाइल से कवर किया जा रहा है, जिससे यह जल प्रतिरोधी भी हो। पहाड़ी की सतह पर लोहे के सरियों का जाल भी बिछाया गया है, जो टनल को मजबूती प्रदान करने के लिए आवश्यक है।
समय पर काम की निगरानी और पीएमओ की सख्त नजर
इस बड़े और महत्वाकांक्षी परियोजना की प्रगति पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा समय-समय पर निगरानी रखी जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, इस वर्ष दिसंबर तक इंदौर से दाहोद तक ट्रेन संचालन की संभावना जताई जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अक्टूबर तक टनल की फिनिशिंग और ट्रैक बिछाने का कार्य पूरा हो सकता है, जिससे इंदौर और धार के बीच ट्रेन संचालन में भी आसानी होगी। इसके साथ ही, पीथमपुर और टिही के बीच एक लोहे का ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा, जो इस मार्ग की सुविधाओं को और बेहतर बनाएगा।