लंबे इंतजार के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! MP में इस महीने हट सकता है तबादले से बैन

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By Srashti BisenPublished On: April 19, 2025
MP News

मध्यप्रदेश में पिछले तीन वर्षों से ट्रांसफर पर लगे प्रतिबंध के चलते सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को लंबे समय से तबादले का इंतजार था। लेकिन अब उनके लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है।

राज्य सरकार ने तबादला नीति 2025 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे इस माह के अंत तक कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सलाह पर इसमें कुछ आंशिक बदलाव भी किए गए हैं।

अप्रैल में मिल सकती है हरी झंडी

सूत्रों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी 2025 का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे अप्रैल माह के अंत तक कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। एक बार कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही प्रदेश में ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि यह छूट लगभग 15 दिन से लेकर एक महीने तक के लिए दी जा सकती है, जिसमें अधिकारी-कर्मचारी स्थानांतरण की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।

क्या खास होगा नई तबादला नीति में?

नई तबादला नीति में कई अहम बिंदुओं को शामिल किया गया है, जो इसे पहले की तुलना में ज्यादा पारदर्शी और व्यवस्थित बनाते हैं:

  • मंत्रियों को अधिकार: संबंधित विभागों के मंत्रियों को उनके विभाग के कर्मचारियों के तबादले का अधिकार होगा।
  • जिले के भीतर तबादले: जिले के अंदर ट्रांसफर की जिम्मेदारी प्रभारी मंत्री को दी जाएगी।
  • जिले से बाहर ट्रांसफर: यह स्थानांतरण विभागीय मंत्रियों की अनुशंसा पर आधारित होंगे।
  • राजपत्रित अधिकारियों का समन्वय: इनका ट्रांसफर मुख्यमंत्री के समन्वय से ही हो सकेगा।
  • 3 साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी होंगे प्राथमिकता पर: ऐसे अधिकारियों को अन्य जिलों में भेजा जाएगा।
  • सीमित संख्या में ट्रांसफर: किसी भी विभाग में अधिकतम 10% कर्मचारियों का ही ट्रांसफर किया जा सकेगा।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया की सुविधा: खासतौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।

2021-22 के बाद पहली बार लागू होगी नई पॉलिसी

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में आखिरी बार ट्रांसफर पॉलिसी वर्ष 2021-22 में लागू की गई थी। उसके बाद से लगातार तीन वर्षों से इस पर प्रतिबंध लगा हुआ था, जिससे हजारों कर्मचारी प्रभावित हो रहे थे। अब नई नीति लागू होने से न सिर्फ कार्यस्थल में संतुलन बनेगा बल्कि कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी होगी।

कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत

अगर यह नीति समय पर लागू हो जाती है, तो यह हजारों सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी राहत की खबर होगी। न केवल वे अपनी पारिवारिक परिस्थितियों के अनुसार ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे, बल्कि विभागों में नई ऊर्जा और कार्यक्षमता का संचार भी होगा।