इंदौर शहर के ट्रैफिक दबाव को कम करने और भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है।
शहर के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बनने वाले 160 किलोमीटर लंबे नए बायपास के जरिए अब भारी यातायात को शहर से बाहर डायवर्ट किया जाएगा। इस बायपास को शहर से जोड़ने के लिए खास योजना तैयार की गई है, जिसके तहत 100 किलोमीटर लंबी 10 नई सड़कें बनाई जाएंगी।

शहर की कनेक्टिविटी को मिलेगा बूस्ट, बनेंगी 10 नई सड़कों
इन प्रस्तावित सड़कों को A-1 से A-10 तक नाम दिया गया है और ये सड़कें मौजूदा मास्टर प्लान में शामिल एमआर-3 से एमआर-12 तक की प्रमुख सड़कों को नए बायपास से जोड़ेंगी। इस योजना का उद्देश्य शहर के भीतर और बाहर के ट्रैफिक को एक व्यवस्थित मार्ग देना है, ताकि शहर की आंतरिक सड़कों पर दबाव कम हो सके।
एक हज़ार करोड़ की लागत से बनेगी 100 किमी की सड़कें
करीब 1,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली इन 10 सड़कों को लेकर शहरी विकास की दिशा में यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इन सड़कों का निर्माण IDA (इंदौर विकास प्राधिकरण), NHAI और नगर तथा ग्राम निवेश विभाग (T&CP) मिलकर करेंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
उच्चस्तरीय बैठक में हुआ प्लान का रिव्यू
शुक्रवार को इंदौर विकास प्राधिकरण के कार्यालय में हुई अहम बैठक में सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, IDA के सीईओ आरपी अहीरवार, NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल और T&CP के संयुक्त संचालक शुभाशीष बैनर्जी उपस्थित रहे। बैठक में मास्टर प्लान की समीक्षा की गई और तय किया गया कि कैसे शहर को नए बायपास से प्रभावी तरीके से जोड़ा जा सकता है।
नितिन गडकरी के सवाल से मिली रफ्तार
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले इंदौर दौरे पर आए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों से पूछा था कि नए बायपास की शहर से कनेक्टिविटी को लेकर क्या प्लान है? उनके इस सवाल के बाद योजना को तेज़ी से अंतिम रूप दिया गया और अब प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजने की तैयारी है।