गांधीसागर में फिर गूंजेगी चीतों की दहाड़, 20 अप्रैल को CM मोहन यादव छोड़ेंगे दो नर चीते

20 अप्रैल को गांधीसागर अभयारण्य में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में कूनो से लाए गए दो नर चीतों को पुनर्स्थापित किया जाएगा। इसी दिन वे विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे।

Abhishek Singh
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नीमच जिले की सीमा से लगे गांधीसागर अभयारण्य में 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में कूनो नेशनल पार्क से लाए गए दो नर चीतों को प्राकृतिक आवास में पुनर्स्थापित किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे। गांधीसागर के वन मंडलाधिकारी संजय रायखेरे ने बताया कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम तय हो चुका है और वे निर्धारित तिथि को कार्यक्रम में शामिल होंगे।

गांधीसागर अभयारण्य में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में रामपुरा पठार क्षेत्र में चीतों को पुनर्वासित करने की प्रक्रिया पिछले दो वर्षों से जारी है। इस उद्देश्य के लिए 8,900 हेक्टेयर क्षेत्र में बाड़ेबंदी की गई है और 6 से 8 चीतों के लिए क्वारंटाइन बोमा का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है। अफ्रीका और दिल्ली से विशेषज्ञ टीमें कई बार स्थल निरीक्षण कर चुकी हैं। जनवरी में केंद्र सरकार से पहुंची 7 सदस्यीय टीम ने अभ्यारण्य को उपयुक्त मानते हुए मार्च में अपनी ‘ओके रिपोर्ट’ राज्य शासन को सौंप दी थी। अब यह बहुप्रतीक्षित पहल अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और चीतों के आगमन की प्रतीक्षा शीघ्र ही समाप्त होने वाली है।

गुरुवार को नीमच में आयोजित सीआरपीएफ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनप्रतिनिधियों को जानकारी दी कि वे 20 अप्रैल को पुनः रामपुरा आएंगे, जहां गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को छोड़ा जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कूनो में जन्मे दो नर चीतों को गांधीसागर लाया जाएगा और उन्हें आरंभ में सुरक्षित बाड़े में रखा जाएगा। ये दोनों चीते जन्म से एक साथ हैं, जिसे ‘कोलेशन’ कहा जाता है, इसी कारण फिलहाल इन्हें साथ ही रखा जाएगा। भविष्य में मादा चीतों को भी गांधीसागर लाए जाने की योजना है। सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि चीतों के आगमन से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह नीमच तथा मंदसौर जिलों के लिए एक महत्वपूर्ण सौगात साबित होगी।

मंदसौर के डीएफओ संजय रायखेरे ने जानकारी दी कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान से दो नर चीतों को 20 अप्रैल को गांधीसागर अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा। चीतों के सुचारु और सुरक्षित परिवहन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। गांधीसागर अभयारण्य में लगभग 8,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उनके लिए संरक्षित बाड़ा तैयार किया गया है। चीतों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखने हेतु वहां सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए गए हैं।