कैसे होता हैं मुख्यमंत्री के घर का गुजर-बसर? CM मोहन यादव ने बताया अपनी आय का असली स्रोत

भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में NDDB और मध्यप्रदेश सरकार के बीच एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत 5500 से अधिक सहकारी समितियां स्थापित कर दुग्ध उत्पादन को दोगुना किया जाएगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद को दुग्ध उत्पादक बताते हुए किसानों को प्रेरित किया और 14 अप्रैल को 'कामधेनु पशुपालन योजना' शुरू करने की घोषणा की। NDDB अब 'सांची' ब्रांड का संचालन संभालेगा, लेकिन नाम और लोगो वही रहेंगे।

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में रविवार को भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में मध्यप्रदेश को डेयरी क्रांति की दिशा में आगे ले जाने वाला एक ऐतिहासिक समझौता हुआ।

इस दौरान राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और मध्यप्रदेश सरकार के बीच एक महत्त्वपूर्ण एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत प्रदेश में दूध उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए 5500 से अधिक सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।

दूध से चलता है सीएम का घर

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी को चौंकाते हुए अपनी निजी आय का स्रोत साझा किया। उन्होंने खुलासा किया, “मेरे घर का खर्च भी दूध की बिक्री से ही चलता है।” उन्होंने कहा कि वे खुद भी दुग्ध उत्पादक हैं और इसी से उनकी आय होती है।

क्या हैं NDDB का बड़ा विज़न?

NDDB के चेयरमैन निमेष शाह ने जानकारी दी कि देशभर में श्वेत क्रांति 2.0 को साकार करने की दिशा में NDDB और मध्यप्रदेश सरकार मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दूध संकलन की मात्रा को 12 लाख लीटर से बढ़ाकर 24 लाख लीटर प्रतिदिन तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके अलावा, NDDB दुग्ध उत्पादन और वितरण प्रणाली को पूरी तरह डिजिटाइज करेगा। सहकारी डेयरी प्लांट्स की क्षमता को 18 लाख लीटर से बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाएगा। साथ ही बायोगैस, गोबर प्रबंधन और जैविक खेती को भी बढ़ावा देने की योजना है।

संचालन का जिम्मा अब NDDB के पास, ‘सांची’ का नाम नहीं बदलेगा

इस समझौते के तहत मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादक महासंघ के संचालन की जिम्मेदारी अब NDDB के पास होगी। हालांकि, ‘सांची’ ब्रांड का नाम और लोगो यथावत रहेगा, जिससे उपभोक्ताओं के बीच भरोसा बना रहेगा। NDDB अब दुग्ध महासंघ के संचालन, प्रबंधन और तकनीकी उन्नयन की पूरी कमान संभालेगा।

14 अप्रैल को लॉन्च होगी कामधेनु पशुपालन योजना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य सरकार 14 अप्रैल को ‘कामधेनु पशुपालन योजना’ की शुरुआत करेगी। इस योजना के तहत पशुपालकों को अनुदान और सुविधाएं दी जाएंगी ताकि वे अपने पशुधन के माध्यम से बेहतर आय अर्जित कर सकें। सीएम ने यह भी कहा, “मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर आज राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल है। अब हमारा फोकस दुग्ध उत्पादन को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाना है।”

सहकारिता क्षेत्र में मध्यप्रदेश बन रहा रोल मॉडल

इस कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने भी अपने विचार रखे। विश्वास सारंग ने बताया कि पैक्स समितियों को एम-पैक्स में बदलने का प्रयोग मध्यप्रदेश ने सबसे पहले किया है, जो अब देशभर में मॉडल बन रहा है। वी.डी. शर्मा ने कहा कि NDDB के साथ यह अनुबंध मध्यप्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के लिए गेमचेंजर साबित होगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और पशुपालकों को उचित मूल्य व संरचना उपलब्ध हो सकेगी।