सीबीएसई ने पढ़ाई के पैटर्न में किया बदलाव, मातृभाषा होगी मजबूत, बच्चों को मिलेगा लाभ,

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By Kalash TiwaryPublished On: May 29, 2025
CBSE Supplementary Exam

CBSE New Ruke : सीबीएसई द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। जिसके तहत राजधानी के सीबीएसई स्कूलों में अब बच्चे एबीसीडी से पहले अ, आ, ई सिखाने वाले हैं। अंग्रेजी से पहले उन्हें हिंदी भाषा का ज्ञान दिया जाएगा।

लेकर निर्देश

सीबीएसई ने इसे लेकर निर्देश जारी किया है। जिसके तहत कक्षा केजी से लेकर कक्षा दूसरी तक पढ़ाई केवल मातृभाषा हिंदी में कराई जाएगी। इस नियम को इसी सत्र से लागू करने की तैयारी की गई है।

अगले 18 दिन बाद इसकी शुरुआत की जा सकती है। बता दे की राजधानी भोपाल में 150 से अधिक स्कूल है जिनमें करीब 2 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

स्कूलों से  रिपोर्ट की मांग 

अब सीबीएसई ने पैटर्न में बदलाव करने की तैयारी की है। जिसके तहत अंग्रेजी से पहले उन्हें मातृभाषा का ज्ञान देना आवश्यक किया गया है। अंग्रेजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे मैं अक्सर मातृभाषा से दूर रहने की शिकायत देखी जाती है। जिसे दूर करने की तैयारी की जा रही है। सीबीएसई के निर्देश के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बदलाव किया गया है। इसके लिए स्कूलों से  रिपोर्ट की मांग की गई है।

हिंदी की गिनती तक भूल गए बच्चे 

सीबीएसई के इस निर्णय से अभिभावक भी काफी प्रसन्न है। अभिभावकों का मानना है कि हिंदी से बच्चे दूर हो गए हैं। लाल पीले नीले रंगों को पहचानने की क्षमता उनमें नहीं रही। इतना ही नहीं वह हिंदी की गिनती तक भूल गए हैं।

इसी सत्र से लागू

अभिभावकों ने कहा कि उन्हें हिंदी में रंगों की पहचान नहीं है। ऐसे में सीबीएसई द्वारा उठाया गया कदम बेहतर है और इससे बच्चों के मातृभाषा में सुधार होगा। इस मामले में पीके मालवीय ने जानकारी देते हुए कहा कि बच्चे और बुजुर्ग से संवाद में कई बार रंग फीकी हो जाते हैं। ऐसे में सीबीएसई द्वारा शुरू किए गए इस नियम से बच्चों की मातृभाषा मजबूत होगी।

इस मामले में पालक महासंघ के प्रबोध पंड्या के मुताबिक बच्चे अब आम को मेंगो कहना ज्यादा प्रेफर कर रहे हैं। उन्हें आम को आम कहने में दिक्कत आ रही है।ऐसे में मातृभाषा का ज्ञान देना उनके स्वयं के विकास के लिए भी आवश्यक है।

जिसके तहत पढ़ाई के पैटर्न में बदलाव करते हुए सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि इसी सत्र से लागू किये जा रहे नियम के तहत कक्षा 2 तक के बच्चों को अब एबीसीडी की जगह केवल मातृभाषा में पढ़ाई करवाई जाएगी।