एमपी के बाद अब इन राज्यों में भी दिखेंगे चीते, देशभर में चुने गए 10 नए ठिकाने

भारत में 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत कूनो के बाद अब गांधीसागर अभयारण्य में भी चीतों को बसाया गया है, और नौरादेही व बन्नी को तीसरे-चौथे संभावित ठिकाने के रूप में तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल 31 चीते हैं, जिनमें 19 शावक शामिल हैं।

Srashti Bisen
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MP News : लगभग सात दशक के लंबे इंतजार के बाद भारत में एक बार फिर चीते बसाने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल हुई है। ‘प्रोजेक्ट चीता’ के अंतर्गत इन विलुप्त हो चुके प्रजातियों को दोबारा भारतीय वन्यजीव संरचना में शामिल किया जा रहा है।

इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से की गई थी और अब यह परियोजना सफलता की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है।

गांधीसागर बना चीतों का दूसरा ठिकाना

प्रोजेक्ट चीता के तहत कूनो के बाद अब गांधीसागर अभयारण्य को चीतों का दूसरा घर घोषित किया गया है। 20 अप्रैल 2025 को पहली बार दो चीतों को कूनो से गांधीसागर में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया, जो इस योजना का अहम पड़ाव माना जा रहा है। इससे पहले देश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर चीतों की ऐसी शिफ्टिंग नहीं की गई थी।

तीसरे और चौथे घर के लिए तैयारियां शुरू

अब अगला चरण शुरू होने जा रहा है, जिसमें चीतों को मध्यप्रदेश के वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही अभयारण्य) और गुजरात के बन्नी ग्रासलैंड रिजर्व में बसाने की योजना बनाई जा रही है। हालांकि अभी तक इन स्थानों पर चीतों के स्थानांतरण की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन इन दोनों को प्रोजेक्ट के तहत क्रमशः तीसरे और चौथे संभावित आवास के रूप में सूचीबद्ध कर लिया गया है।

मानसून के बाद हो सकती है अगली शिफ्टिंग

सूत्रों के अनुसार बारिश के मौसम के बाद कूनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों को नौरादेही और बन्नी क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकता है। फिलहाल इन दोनों स्थानों पर चीतों के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए ‘प्रे-बेस’ यानी शिकार की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, चीता स्टियरिंग कमेटी में इस पर विचार-विमर्श भी शुरू हो गया है।

देशभर में चिन्हित की गई हैं 10 संभावित साइटें

चीता पुनर्स्थापन योजना के तहत देशभर में विशेषज्ञों द्वारा पांच राज्यों में सात लैंडस्केप के अंतर्गत दस संभावित स्थल चिह्नित किए गए हैं। इन्हीं में से चरणबद्ध तरीके से चीतों को बसाने की प्रक्रिया जारी है। कूनो और गांधीसागर के बाद अब नौरादेही और बन्नी पर भी सक्रियता बढ़ गई है।

मध्यप्रदेश में कुल 31 चीते, जिनमें 19 शावक

वर्तमान में मध्यप्रदेश के दो वन्य क्षेत्रों, कूनो नेशनल पार्क और गांधीसागर अभयारण्य में कुल 31 चीते हैं। इनमें कूनो में 29 और गांधीसागर में 2 चीते रह रहे हैं। कूनो के 29 चीतों में से 19 शावक और 10 वयस्क हैं, जो इस योजना की सफलता का संकेत देते हैं।

वरिष्ठ स्तर पर होगा अंतिम निर्णय

प्रोजेक्ट के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि देशभर में दस चिन्हित स्थलों में चीतों को चरणबद्ध तरीके से बसाने की योजना है। नौरादेही और बन्नी को प्रस्तावित स्थलों में शामिल किया गया है। यहां चीता ट्रांसफर से संबंधित अंतिम निर्णय उच्च स्तर पर ही लिया जाएगा।