ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति, एमपी के इस शहर में बनेगा 8 लेन का रेलवे ओवर ब्रिज

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By Srashti BisenPublished On: May 2, 2025
MP News

इंदौरवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। शहर के व्यस्ततम मार्गों में से एक, एमआर-10 पर अब आठ लेन का नया रेलवे ओवरब्रिज (ROB) बनने जा रहा है। वर्तमान में यहां जो ओवरब्रिज है, वह ट्रैफिक की बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पा रहा था, इसी को देखते हुए अब इसके समानांतर चार लेन का नया आरओबी बनाया जाएगा।

रेलवे विभाग ने इस परियोजना की ड्राइंग को स्वीकृति दे दी है और अब इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) टेंडर प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

सिंहस्थ से पहले होगा ब्रिज का निर्माण

इस ओवरब्रिज को उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सिंहस्थ के दौरान इंदौर से उज्जैन जाने वाले मार्गों पर भारी ट्रैफिक देखने को मिलता है, ऐसे में इस ब्रिज का निर्माण समय पर होना बेहद जरूरी है। इससे आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को आवागमन में सहूलियत मिलेगी और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर दबाव कम होगा।

ट्रैफिक दबाव से राहत देगा नया ब्रिज

एमआर-10 मार्ग पर प्रतिदिन करीब 30,000 वाहन गुजरते हैं, जो मौजूदा चार लेन के ब्रिज के लिए भारी साबित हो रहा है। आने वाले समय में वाहन संख्या में और वृद्धि की संभावना है, विशेषकर सिंहस्थ के दौरान। इसी को ध्यान में रखते हुए इंदौर विकास प्राधिकरण ने लगभग 60 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस नए ओवरब्रिज के निर्माण की योजना बनाई है। निर्माण कार्य अगले दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

जुड़ेगा कुमेड़ी आईएसबीटी से, बनेगा नया कॉरिडोर

इस प्रोजेक्ट के तहत केवल ओवरब्रिज ही नहीं, बल्कि इंदौर के सरवटे बस स्टैंड से लेकर कुमेड़ी आईएसबीटी तक की एमआर-4 रोड को भी चौड़ा किया जा रहा है। यह सड़क सीधे एमआर-10 से जुड़ जाएगी, जिससे वाहनों का दबाव समान रूप से वितरित होगा और आईएसबीटी से उज्जैन की ओर जाने वाले मार्ग पर राहत मिलेगी। यह समूचा कॉरिडोर आठ लेन का बनने जा रहा है, जिससे भविष्य की ट्रैफिक जरूरतों को आसानी से संभाला जा सकेगा।

क्यों पड़ी आठ लेन की जरूरत?

कुछ वर्षों पहले तक इस मार्ग पर प्रतिदिन केवल 10,000 वाहन चलते थे, लेकिन अब यह संख्या तीन गुना बढ़ चुकी है। भारी वाहन, निजी कारें और दोपहिया वाहनों की बढ़ती संख्या ने इस क्षेत्र को अति-व्यस्त बना दिया है।

ऐसे में आठ लेन का ब्रिज और कॉरिडोर न केवल वर्तमान ट्रैफिक को संभालने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करेगा। सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन को ध्यान में रखते हुए यह परियोजना समय की मांग बन चुकी है।