MP News : 1 अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है और इसके लिए शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकारी स्कूलों में इस सत्र का शुभारंभ ‘प्रवेशोत्सव’ के साथ होगा, जिससे छात्रों के लिए न केवल एक नई शुरुआत होगी, बल्कि स्कूलों में शैक्षिक गतिविधियों की गति भी तेज़ हो जाएगी।
वहीं, निजी स्कूलों में इस सत्र की शुरुआत को लेकर कुछ समस्याएं सामने आ रही हैं, क्योंकि कई स्कूलों की मान्यता को लेकर कागजी कार्रवाई अभी भी जारी है। इस साल जिले के 51 निजी स्कूलों को मान्यता न मिलने के कारण ताले लग सकते हैं, जिससे उन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को दूसरे स्कूलों में प्रवेश लेना पड़ेगा।

निजी स्कूलों की मान्यता पर शिक्षा विभाग का बड़ा निर्णय
शिक्षा विभाग के नए निर्देशों के मुताबिक, जिन निजी स्कूलों ने मान्यता के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, उनकी मान्यता अब स्वतः समाप्त हो गई है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अब दूसरा विकल्प खोजना पड़ेगा, क्योंकि इन स्कूलों को अनुमति मिलने की कोई संभावना नहीं है। विभाग ने कुल 425 निजी स्कूलों के लिए अनुमोदन दिया है, जिनमें से 345 स्कूलों का अनुमोदन बुधवार तक हो चुका था। बाकी 80 स्कूलों के अनुमोदन के लिए 31 मार्च तक अंतिम समय सीमा दी गई है।
छात्रों को टीसी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा
इस बार छात्रों को अपनी कक्षाओं से दूसरी कक्षा में जाने के लिए टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि जिस स्कूल से छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करेगा, वहां के शिक्षक खुद ही उसके दस्तावेज़ नजदीकी पोषक संस्था को भेजकर छात्र का प्रवेश वहां करवा देंगे। केवल उन्हीं छात्रों को टीसी लेने की आवश्यकता होगी, जो अपनी पढ़ाई दूसरी संस्था में जारी रखना चाहेंगे।
जर्जर स्कूल भवनों की स्थिति पर सवाल
हाल ही में सागर जिले के एक जर्जर स्कूल भवन के गिरने से हुए हादसे के बाद रायसेन जिले के एसडीएम ने कुछ स्कूलों का निरीक्षण किया था। कई स्कूलों में खतरनाक रूप से जर्जर भवन पाए गए, लेकिन विभाग की ओर से इन्हें गिराने या सुधारने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। खासतौर पर पाटनदेव प्राथमिक स्कूल में दो कक्षों के बीच जो भवन खड़ा है, वह किसी भी समय हादसा कर सकता है।
पुस्तकों का वितरण और अन्य तैयारियाँ
नए सत्र की शुरुआत में छात्रों को पहली ही दिन से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित की जाएंगी। विभाग ने विकासखंड स्तर से सभी स्कूलों में पुस्तकें भेज दी हैं। बाकी कुछ पुस्तकों के लिए डिमांड भेजी गई है, जिन्हें जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
शाला प्रबंधन समितियों की बैठक 4 अप्रैल को
1 अप्रैल को होने वाले प्रवेश उत्सव के बाद 4 अप्रैल को सरकारी स्कूलों में शाला प्रबंधन एवं विकास समितियों की बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में विद्यालय के पूर्व छात्रों को भी आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में छात्रों के नामांकन, उपस्थिति, उपलब्धि स्तर और आगामी शैक्षणिक कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियों का आयोजन भी किया जाएगा, ताकि छात्रों को शैक्षिक कार्यक्रमों के अलावा सामाजिक और खेल गतिविधियों में भी भाग लेने का मौका मिले।
निजी स्कूलों में मान्यता का संकट
जिले में 476 निजी स्कूल थे, जिनमें से 51 स्कूलों ने मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया, जिससे वे अब अगले सत्र में बंद हो सकते हैं। इस साल शिक्षा विभाग ने मान्यता के नवीनीकरण के लिए कड़ी शर्तें लागू की थीं, जिनका विरोध स्कूल संचालकों ने किया, लेकिन विभाग ने इन्हें वापस नहीं लिया। कुल मिलाकर 425 निजी स्कूलों को सत्र 2025-26 के लिए अनुमोदन मिल चुका है, जबकि 51 स्कूलों को अब मान्यता नहीं मिल पाएगी।
नए शिक्षा सत्र की शुरुआत से जुड़ी तैयारियाँ
शिक्षा विभाग ने एक और अहम कदम उठाया है, जिससे नए सत्र की शुरुआत सुगम हो सके। प्रवेश उत्सव के दौरान स्कूलों में उत्साह का माहौल होगा और पहले ही दिन बच्चों को किताबें वितरण की जाएंगी। विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि छात्र किसी भी कठिनाई के बिना अपनी पढ़ाई शुरू कर सकें।