मध्यप्रदेश दौरे पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क संपर्क को नया रूप दिया जाएगा, जिससे जल्द ही परिवहन व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। धार जिले के बदनावर में गडकरी ने 5,800 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने मध्यप्रदेश में 5 ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा भी की, जिन पर लगभग 33,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
तीन ज्योतिर्लिंग, एक यात्रा पथ-मोहन यादव का संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को केंद्र में रखते हुए, उसे ओंकारेश्वर और गुजरात स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस धार्मिक कॉरिडोर के निर्माण से तीन प्रमुख ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाला एक सशक्त तीर्थ मार्ग विकसित होगा, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसे ‘आस्था, संस्कृति और विकास का संगम’ बताते हुए कहा कि यह पहल राज्य को राष्ट्रीय धार्मिक मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगी।

इन जिलों की बदलेगी कनेक्टिविटी और किस्मत
इंदौर–खंडवा–हैदराबाद सिक्स लेन हाईवे का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह मार्ग महाराष्ट्र के अकोला और नांदेड़ होते हुए हैदराबाद तक पहुंचेगा। ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर एक भव्य पुल के निर्माण की योजना भी प्रस्तावित है। इस हाईवे को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
भोपाल-इंदौर कॉरिडोर के बीच एक एयरपोर्ट बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर इंदौर से राघोगढ़–चापड़ा–बैतूल मार्ग के जरिए राघोगढ़ के पास से होकर सीधा मंडीदीप के निकट जुड़ेगा। इस मार्ग से यात्रा का समय घटकर करीब 2 घंटे रह जाएगा, जबकि वर्तमान में भोपाल से इंदौर की दूरी तय करने में लगभग 3 से साढ़े 3 घंटे लगते हैं। इसके अलावा, देवास जिले के हाटपिपल्या क्षेत्र के पास एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की भी योजना है।
इंदौर–हरदा–बैतूल–नागपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। अभी तक बसें पहले भोपाल होकर इंदौर पहुंचती थीं, लेकिन इस नए मार्ग के बनने से भोपाल होकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। हरदा और बैतूल होते हुए नागपुर तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यात्रा में समय की काफी बचत होगी।
देवास–उज्जैन–गरोठ फोरलेन हाईवे सीधे दिल्ली–मुंबई कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। इसके माध्यम से बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन की सीधी कनेक्टिविटी दिल्ली से स्थापित हो जाएगी।
भोपाल–जबलपुर कॉरिडोर के निर्माण से दोनों शहरों के बीच की यात्रा मात्र 3 घंटे में पूरी हो सकेगी। इस मार्ग के जरिए जबलपुर के रास्ते कटनी और रीवा होते हुए भोपाल की सीधी कनेक्टिविटी नागपुर से भी स्थापित हो जाएगी।