ग्वालियरवासियों के लिए राहत की बड़ी खबर है। शहर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे NH-44 पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव और स्थानीय लोगों की आवाजाही में आ रही परेशानियों को देखते हुए अब इस क्षेत्र में एक लंबी सर्विस रोड का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। यह परियोजना न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि सड़क सुरक्षा, क्षेत्रीय विकास और लोगों की सुविधा को भी नया आयाम देगी।
इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत सांसद भारत सिंह कुशवाह की पहल पर हुई है। उन्होंने इस गंभीर समस्या को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उठाया, जिसके बाद मंत्री ने तत्परता दिखाते हुए इस प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए। हाल ही में सांसद कुशवाह ने एनएचआई मैनेजर प्रशांत मीणा के साथ मिलकर स्थल का निरीक्षण भी किया।

35 से 40 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का प्रस्ताव
परियोजना के तहत लगभग 35 से 40 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा, जो मुख्य हाईवे से स्थानीय यातायात को अलग करेगी। इससे हाईवे पर गुजरने वाले भारी और तेज रफ्तार वाहनों की सीधी टक्कर से बचाव होगा और स्थानीय लोग सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
सुरक्षित क्रॉसिंग के लिए बनेंगे 11 अंडरपास
योजना में 8 व्हीक्यूलर अंडरपास (VUP) और 3 लाइट व्हीक्यूलर अंडरपास (LVUP) शामिल हैं, जिससे स्थानीय लोगों को सड़क पार करने में सहूलियत मिलेगी। इन अंडरपासों के जरिए क्रॉस ट्रैफिक की भीड़ मुख्य सड़क से हटकर सुचारू रूप से नियंत्रित की जा सकेगी, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना में भी कमी आएगी।
इस परियोजना से न सिर्फ ट्रैफिक की सुगमता बढ़ेगी, बल्कि सड़क सुरक्षा में भी सुधार होगा। मुख्य हाईवे से स्थानीय आवागमन को अलग कर देने से भारी ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे ग्वालियर शहर की सड़कों पर निर्बाध और सुरक्षित आवागमन संभव हो पाएगा।
यह योजना खासतौर से ग्वालियर बायपास NH-44 के किनारे बसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इन इलाकों में लंबे समय से स्थानीय लोगों को हाईवे पार करने में जान का जोखिम उठाना पड़ता था, लेकिन अब यह समस्या जल्द ही इतिहास बन जाएगी।
शहरी विकास को मिलेगा नया आयाम
परियोजना के क्रियान्वयन से ग्वालियर शहर का दोनों ओर विस्तार भी सुगम हो सकेगा। नई सर्विस रोड और अंडरपास न सिर्फ यातायात को सुविधाजनक बनाएंगे, बल्कि इससे क्षेत्रीय व्यापार, रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।