MP में 3000 KM के हाइवे होंगे अपग्रेड, फोरलेन में किया जाएगा तब्दील, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

मध्यप्रदेश में सड़क निर्माण को लेकर सरकार एक्शन मोड में है, जहां 1 लाख करोड़ की लागत से 22 नई सड़क परियोजनाएं शुरू की गई हैं। फोर लेन और सिक्स लेन हाइवे, ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, रोपवे परियोजनाएं और डिजिटल निगरानी से इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन को नया बढ़ावा मिलेगा।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश में सड़क निर्माण को लेकर सरकार अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सड़कों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई अहम पहल की हैं। निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और मजबूती बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे फुल डेप्थ रिक्लेमेशन, व्हाइट टॉपिंग और माइक्रो सर्फेसिंग को अपनाया जा रहा है।

साथ ही, निरीक्षण प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली, गोपनीय कोडिंग और सैंपलिंग प्रक्रिया भी लागू की गई है, जिससे कार्यों की निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण और बेहतर हुआ है।

सभी हाईवे होंगे फोर लेन, कई सिक्स लेन में तब्दील

प्रदेशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा करने का अभियान तेजी से चल रहा है। सभी हाईवे को फोर लेन में बदलने की योजना पर गंभीरता से काम हो रहा है। अब तक लगभग 4,740 किलोमीटर लंबी सड़कों को फोर लेन में अपग्रेड किया जा चुका है। वहीं, 3,050 किलोमीटर लंबी सड़कें फोर लेन बनाने की प्रक्रिया में हैं। उज्जैन सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए इंदौर-उज्जैन मार्ग को सिक्स लेन में बदला जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा सुविधा मिल सकेगी।

1 लाख करोड़ की लागत से 22 नई सड़क परियोजनाएं

मध्यप्रदेश सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के बीच हाल ही में 22 नई सड़क परियोजनाओं को लेकर बड़ा समझौता हुआ है। इनमें कई हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे शामिल हैं जो प्रदेश के विकास को नई दिशा देंगे। प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • इंदौर-भोपाल हाईस्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
  • भोपाल-जबलपुर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
  • लखनऊ-रायपुर एक्सप्रेस वे
  • आगरा-ग्वालियर,
  • उज्जैन-झालावाड़,
  • सतना-चित्रकूट,
  • और रीवा-सीधी जैसी महत्वपूर्ण सड़कें।

इन सभी प्रोजेक्ट्स की कुल लंबाई 4,010 किलोमीटर है और इन पर 1 लाख करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है।

रोपवे से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

प्रदेश में अब केवल सड़क ही नहीं, बल्कि पर्यटन के विकास को भी ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। भारत सरकार के सहयोग से उज्जैन, सागर और जबलपुर में रोपवे परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। ये परियोजनाएं धार्मिक और पर्यटन स्थलों की पहुंच को आसान बनाएंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देंगी।

प्रदेश का पहला पूर्ण ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

मध्यप्रदेश में उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भी तेज़ी से प्रगति पर है। यह प्रदेश का पहला पूर्ण ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जो भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक डिजाइन और हाईस्पीड कनेक्टिविटी के साथ तैयार किया जा रहा है। यह कॉरिडोर न केवल यात्रा समय घटाएगा बल्कि औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।