म.प्र. की राजनैतिक पिच पर खूब खेले खिलाड़ी

Author Picture
By Rishabh NamdevPublished On: November 19, 2023
थर्ड एम्पायर/
प्रवीण खारीवाल
सत्ता के सेमीफाइनल के लिये मप्र में बड़ा और कड़ा मुकाबला शुक्रवार को खेला गया। पिछले कई माह से चल रही नेट प्रेक्टिस के बाद सभी दलों के खिलाड़ियों ने मैदान में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। क्या भाजपा, क्या कांग्रेस, क्या सपा-बसपा और तो और निर्दलीय भी सब खेले और खूब खेले। किसी ने फिल्डिंग उम्दा जमाई तो किसी ने बढ-चढ़कर शाॅट मारे। कोई विकेट चटकाने के लिये रिवर्स स्विंग या गुगली मारता रहा। दर्शक बनी जनता ने भी चुनावी टूर्नामेंट का खूब आनंद लिया। क्रिकेट और चुनावी मुकाबले में अंतर सिर्फ यह रहा कि इसमें मुकाबले का नतीज़ा थोड़ा विलंब से यानी दो सप्ताह बाद आयेगा।
अब बात करते हैं खिलाड़ियों के प्रदर्शन की। मप्र की राजनीति में बरसों-बरस से जमे शिवराजसिंह चौहान ने नाबाद बने रहने और रिकाॅर्ड बनाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी। बेमुरव्वती से कर्जा लेकर घर-घर में पैठ बनाने वाले मामाजी ने संपर्क-संवाद-समन्वय की परंपरा को तिलांजली देकर  मतदाताओं को अपना बनाने का नया सिलसिला शुरू कर दिया। वैसे 160 चुनावी सभाएं लेकर उन्होंने ’मोदी के मन में एमपी’ से आगे निकलने की कोशिश भी की। नरेन्द्र मोदी-अमित शाह भी क्रीज़ पर ऐसे डटे रहे जैसे वो मप्र नहीं गुजरात का कोई चुनाव लड़ रहे हैं। ओब्ज़र्वर बताते हैं कि उन्होंने इस एक दिवसीय मैच को ’अप्रैल-2024’ के पांच दिवसीय मैच की तरह देखा, समझा और खेला।
मुकाबले में दूसरे छोर पर कांग्रेस से बल्लेबाजी की कमान कमलनाथ ने ही संभाल रखी थी। दिग्विजयसिंह ने क्रीज़ पर साथ जरूर दिया, लेकिन ज़्यादा रन कमलनाथ ने ही बनाए। नाथ-सिंह के बाद सभी खिलाड़ी यथा सुरेश पचैरी, कांतिलाल भूरिया, अजयसिंह, अरूण यादव, डाॅ. गोविंद सिंह, विवेक तन्खा, जीतू पटवारी पवेलियन में अपनी बारी आने का इंतजार करते ही रह गए। दर्शकों की तालियों से आत्ममुग्ध कमलनाथ को उम्मीद है कि इस बार का मुकाबला कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बनिस्बत जनता ही खेल रही।
प्रदेश में चयनकर्ताओं की वकृ दृष्टि का शिकार हरफनमौला अखिलेश यादव और बाहरवें खिलाड़ी के रूप में स्थापित मायावती और विभीषणरूपी कुछ खिलाड़ी भी इस मुकाबले में कुछ न कुछ गूल खिलाने के लिये तत्पर नज़र आ रहे हैं। जो भी हो मुकाबला मजे़दार और कसा हुआ नज़र आ रहा है। तो  वर्ल्डकप की बेला में इंतजार कीजिये- कौन होगा म.प्र. का नया सरताज।