इंदौर: नगर निगम में नहीं थम रहा कोरोना से मौतों का सिलसिला, कर्मचारियों ने की निगम से बड़ी मांग

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By Shivani RathorePublished On: December 6, 2020

मध्यप्रदेश में कोरोना का मुख्य केंद्र इंदौर में संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार कोरोना काल में अपनी सेवाएं देने वाले नगर निगम के कर्मचारी भी अब कोरोना के चपेट में आ गए है। बीते कुछ दिनों में लगातार निगम के कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे है। इंदौर नगर निगम के मुख्य कर्मचारी और स्टेडियम जोन के अधिक्षक नितिन करंदीकर ने आज सुबह कोरोना की बीमारी के चलते अपना दम तोड़ दिया। यह कोरोना से नगर निगम के कर्मचारी की 12वीं मौत है।

ऐसा बताया जा रहा कि श्री करंदीकर करीब 1 पखवाड़े से कोरोना संक्रमित थे और उनका इलाज गोकुलदास अस्पताल में चल रहा था। इस दौरान उनके इलाज पर करीब 13 लाख से ज्यादा व्यय हो गए है। उनकी बेटी की शादी पिछले हफ्ते होनी थी लेकिन श्री करंदीकर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यह शादी भी स्थगित की गई है।

कोई नहीं है हमरी सुनने वाला
इंदौर नगर निगम में अभी करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी है। कोरोना काल के दौरान शहर की सभी व्यवस्था कर्मचारियों के सहारे ही चल रही थी। लेकिन यह नगर निगम में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। निगम कर्मियों का कहना है की वो अपनी जान को जोखिम में डालकर अपने परिवार की चिंता न करते हुए लगातार उन्होंने अपना कार्य किया है। निगम कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने क्वॉरेंटाइन सेंटर और अन्य स्थानों पर भी प्रशंसनीय कार्य किया है। लेकिन निगम में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में उनकी परेशानी का कैसे मिलेगा।

आर्थिक मदद के लिए फण्ड स्थापित करें
नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल में अपनी ड्यूटी देने के दौरान निगम के बहुत सारे कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। और करीब 12 कर्मचारियों के इस दौरान मौत भी हो गई है। कुछ परिवारों में एक वही अपने घर का सहारा थे। इतना सब करने के बाद में कर्मचारियों को सिर्फ नाम वेतन ही वेतन मिलता था। और अभी निगम का फर्ज बनता है कि अपने कर्मचारियों की चिंता करें और इनकी परिवार की आर्थिक मदद के लिए एक फंड स्थापित करें।