इंदिरा गांधी पर टिप्पणी विवाद, वार्ता के दूसरे दौर में पहुंचे मंत्री, विपक्ष ने रामधुनी में किया शामिल

कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर टिप्पणी और कांग्रेस के छह विधायकों के निलंबन के बाद राजस्थान में सियासी तनाव बढ़ गया है। सरकार और विपक्ष के बीच वार्ता बेनतीजा रहने से कांग्रेस विधायकों का सदन में धरना जारी है।

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी और कांग्रेस के 6 विधायकों के निलंबन के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। कांग्रेस ने शनिवार को सरकार के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन किया और मंत्री अविनाश गहलोत से माफी की मांग उठाई। वहीं, कांग्रेस विधायकों का सदन में धरना अब भी जारी है।

इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम दोबारा विधानसभा पहुंचे। विपक्ष ने उन्हें रामधुनी में साथ बैठाया। गौरतलब है कि बीती रात सरकार ने कांग्रेस विधायकों के साथ वार्ता की थी, लेकिन मंत्री की माफी न मांगने के कारण कोई सहमति नहीं बन सकी। इसी वजह से कांग्रेस विधायकों ने सदन की वेल में रात बिताई।

विवाद के बाद मंत्री अविनाश गहलोत का पहला बयान आया सामने

मंत्री अविनाश गहलोत ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस को आपत्ति किस बात पर है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, सलमान खुर्शीद और प्रियंका गांधी खुद इंदिरा गांधी को ‘हमारी दादी’ कहते हैं। मैंने तो वही शब्द दोहराए हैं, फिर इस पर आपत्ति क्यों जताई जा रही है, यह मेरी समझ से परे है।”

मंत्री अविनाश गहलोत के बयान से बढ़ा सियासी विवाद

इंदिरा गांधी पर टिप्पणी विवाद, वार्ता के दूसरे दौर में पहुंचे मंत्री, विपक्ष ने रामधुनी में किया शामिल

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी, जिन्हें वह अपनी दादी कहते हैं, के नाम पर योजना का नाम रखा गया है। इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति जताते हुए मंत्री से माफी की मांग की। वहीं, सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर सदन में हंगामा करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया।