इस फल की खेती करने के लिए सरकार दे रही हैं 50 हजार रुपए, कमाई में होगा इजाफा

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By Swati BisenPublished On: May 4, 2025
Strawberry farming

आज के समय में कई किसान पारंपरिक खेती से हटकर नई और लाभदायक फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल बनकर उभरा है, जो कम जमीन में भी बेहतर आमदनी देने की क्षमता रखता है। खास बात यह है कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सरकार भी किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।

स्ट्रॉबेरी एक आकर्षक लाल रंग का फल है, जिसे आमतौर पर विदेशी फल के रूप में जाना जाता है। यह न केवल स्वाद में लाजवाब है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी बेहद लाभकारी है। इसका उपयोग मिठाइयों, पेय पदार्थों और औषधियों तक में होता है, जिससे बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि किसान अब इसकी खेती में अधिक रुचि दिखा रहे हैं।

किसानों की कमाई में जबरदस्त इज़ाफा 

जो किसान पहले पारंपरिक खेती में नुकसान झेल रहे थे, वे अब स्ट्रॉबेरी की खेती से न केवल अच्छा उत्पादन ले रहे हैं बल्कि बेहतर दाम भी कमा रहे हैं। यह फल सीधे ग्राहकों को पसंद आता है और इसका बाजार मूल्य भी अन्य फलों की तुलना में अधिक होता है। कुछ किसान तो दूसरों को भी इस खेती की जानकारी देकर उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।

सरकार से मिल रही सब्सिडी

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले जैसे क्षेत्रों में कृषि विभाग किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रेरित कर रहा है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, लखनऊ के अंतर्गत एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को एक हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती करने पर ₹50,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है। यह सहायता किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है।

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए जरूरी हैं ये शर्तें

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान उपयुक्त होता है। ऐसे खेत का चयन करना चाहिए जहां जल निकासी की समुचित व्यवस्था हो। साथ ही, खेत में कम से कम 6 घंटे की सीधी धूप आनी चाहिए, ताकि पौधों की वृद्धि और फल का विकास बेहतर ढंग से हो सके।