दुनिया भर में जारी आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जबरदस्त अस्थिरता देखी जा रही है। ऐसे समय में निवेशकों का रुझान एक बार फिर से सोने की ओर बढ़ गया है। निवेशकों की मजबूत डिमांड के चलते सोना नए रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है।
बाजार में क्यों बढ़ रही है सोने की मांग?
सोने के दामों में इस उछाल के पीछे कई वैश्विक कारण छिपे हैं। अमेरिका ने विभिन्न देशों पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की नीति अपनाई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ा है। इसके जवाब में चीन ने भी कड़े कदम उठाए हैं। इस ‘ट्रेड वॉर’ ने बाजार की स्थिरता को हिला कर रख दिया है, जिससे निवेशकों ने सोने को एक सुरक्षित विकल्प मानते हुए खरीदारी तेज कर दी है।

50000 के नीचे सोना आने की उम्मीदें टूटीं
कुछ समय पहले तक विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि सोने की कीमतें गिरकर ₹50,000 प्रति 10 ग्राम तक आ सकती हैं। लेकिन अब हालात बिल्कुल उलट हो चुके हैं। लगातार मांग और बाजार की अस्थिरता के चलते सोना एक बार फिर अपने ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंच चुका है। इससे उन लोगों को झटका लगा है जो सस्ते सोने की उम्मीद में इंतजार कर रहे थे।
Gold ETF की मजबूती से भी बाजार को मिला सहारा
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) की कीमतों में भी रिकॉर्ड उछाल आया है। बीते सप्ताह ETF की कीमतें पहली बार 3200 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंची और फिलहाल यह आंकड़ा 3245 डॉलर को भी पार कर चुका है। इससे साफ जाहिर होता है कि फिजिकल गोल्ड के साथ-साथ डिजिटल गोल्ड में भी निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है।
साल के अंत तक ₹1.36 लाख तक पहुंच सकता है सोना
वित्तीय क्षेत्र की जानी-मानी संस्था गोल्डमैन सैक्स ने सोने की कीमतों को लेकर बड़ा अनुमान जताया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के अंत तक सोना 4500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। मौजूदा डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट के आधार पर देखा जाए तो यह कीमत भारत में 10 ग्राम सोने के लिए ₹1,36,000 से अधिक हो सकती है। यानी आने वाले समय में सोना आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर होता नजर आ रहा है।
तीसरी बार बढ़ाया गया गोल्डमैन का टारगेट
गौरतलब है कि यह गोल्डमैन की ओर से सोने की कीमतों को लेकर किया गया पहला अनुमान नहीं है। शुरुआत में उन्होंने 3300 डॉलर का अनुमान लगाया था, जो लगभग पूरा हो चुका है। इसके बाद उन्होंने 3700 डॉलर का लक्ष्य रखा और अब 4500 डॉलर का नया टारगेट सामने आया है।
ग्लोबल टेंशन और ट्रेड वॉर का निवेशकों को क्यों है डर?
दुनियाभर में जारी ट्रेड वॉर और भू-राजनीतिक तनावों ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया है। ऐसे समय में शेयर बाजारों या अन्य अस्थिर निवेश साधनों में जोखिम लेने से बचा जा रहा है। सोने को सदियों से ‘सुरक्षित निवेश’ माना जाता रहा है और यही कारण है कि इस समय इसकी ओर रुझान बहुत तेजी से बढ़ा है।