19 घंटे से बोरवेल में फंसा इंजीनियर, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान अंदर फंसा, NDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

RishabhNamdev
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जालंधर में दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर एक फ्लाईओवर के निर्माण चल रहा था, जिसमे 80 फीट गहरे बोरवेल में एक इंजीनियर लगभग 19 घंटे से फंसा हुआ हैं। इसके बावजूद, रविवार की सुबह 11 बजे तक NDRF की टीमें उसकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही हैं। 5 जेसीबी (JCB) मशीनों ने करीब 35 फीट तक खुदाई की है। इस इंजीनियर का नाम सुदेश (30) है, और वह हरियाणा के जींद जिले के निवासी हैं। प्राथमिक जांच में पता चला कि सुदेश ने बोरवेल की मशीन की मरम्मत कार्य के लिए उसका उपयोग किया था। वह अपने साथ एक ऑक्सीजन सिलेंडर भी लेकर गए थे। जब वह ऊपर आने लगे, तो मिट्टी उनके पर गिरी। इसके बाद, स्थल पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने रेस्क्यू कार्रवाई आरंभ की। इसके बाद, और 40 फीट से भी गहरे बोरवेल में मिट्टी गिर गई।

19 घंटे से बोरवेल में फंसा इंजीनियर, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान अंदर फंसा, NDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

उच्चमार्ग पर बन रहे फ्लाईओवर
दिल्ली-अमृतसर-जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के अंतर्गत, करतारपुर कस्बे से कपूरथला जाने वाले एक हाईवे प्रोजेक्ट का निर्माण चल रहा है। स्थानीय सड़कों पर फ्लाईओवर निर्माण की कवायद की जा रही है ताकि एक्सप्रेसवे का यातायात अस्तित्व में रह सके। इसी परियोजना के अंतर्गत, करतारपुर से कपूरथला रोड पर एक फ्लाईओवर निर्माण हो रहा है, जिसके पिलर निर्माण के लिए R-1500 मशीनों का उपयोग किया गया है, जो जमीन में बोर करते हैं। जमीन में बोर करने के बाद, कंक्रीट और पिलर का निर्माण किया जाता है। शनिवार को, बोरिंग के लिए उपयुक्त मशीन की खराबी हो गई।

बोरिंग मशीन की खराबी के परिणामस्वरूप, इंजीनियर सुरेश अंदर फंस गए, जबकि पवन उन्हें बचाने के लिए कुछ समय तक काम करते रहे, पर उनकी बेल्ट टूट गई और वे ऊपर आ गए। उसके बाद फिर से मिट्टी बोरवेल में गिर गई। तब प्रशासन और पुलिस द्वारा रेस्क्यू कार्रवाई की गई।

19 घंटे से बोरवेल में फंसा इंजीनियर, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान अंदर फंसा, NDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन 19 घंटे से बोरवेल में फंसा इंजीनियर, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे पर फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान अंदर फंसा, NDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

NDRF की टीम द्वारा कार्रवाई आरंभ की
जब सफलता प्राप्त नहीं हुई, तो सूचना के आधार पर NDRF की टीम को बुलाया गया। आधी रात को लगभग 2 बजे टीम पहुँची और प्रशासनिक अधिकारियों से घटना का विस्तारित विवरण लिया। इसके बाद, फ्लाईओवर निर्माण के लिए 5 जेसीबी (JCB) मशीनों को बुलाया गया, और तब से रेस्क्यू कार्रवाई और मिट्टी हटाने की प्रक्रिया जारी है। अभी तक सुरेश कहाँ है की पुष्टि नहीं की जा सकी है।