भोपाल: मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में सचिव रमेश एस थेटे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोई पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पदोन्नति के मामले में नाराजगी जाहिर की है उन्होने पत्र में कहा कि मैंने मध्यप्रदेश शासन से मेरी पदोन्नति हेतु बार-बार प्रार्थना की है कि मुझसे जूनियर अधिकारियों को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया है, किन्तु DPC द्वारा उक्त पद पर पदोन्नति हेतु पात्र पाये जाने के बावजूद भी मुझे प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नति प्रदान नहीं की।
साथ ही उन्होंने निवेदन करते हुए कहा कि लोकायुक्त नावलेकर द्वारा जातिवाद से प्रेरित होकर मुझ पर बनाये गये झूठे केस के कारण मेरी पदोन्नति से संबंधित अनुशंसा बंद लिफाफे में रखी गई है। इस संबंध में मेरा निवेदन है कि एस.आर.मोहती, आई.ए.एस. को प्रमुख सचिव तथा अपर मुख्य सचिव के पद पर सशर्त
पदोन्नति दी गई थी (त्वरित संदर्भ हेतु आदेशों की छायाप्रति संलग्न है) वह मापदंड मेरे प्रकरण में
भी लागू किया जाना अनिवार्य था, किन्तु नावलेकर के अनैतिक एवं असंवैधानिक दबाव के कारण मेरे प्रकरण में यह मापदंड लागू नहीं किये गये और मुझे पदोन्नति से वंचित किया गया। यह मेरे साथ जातिगत भेदभाव होकर असंवैधानिक है।
उन्होंने पत्र में लिखा कि आपसे प्रार्थना है कि मेरी सेवानिवृत्ति के पूर्व, प्रमुख सचिव के पद पर मेरी पदोन्नति के आदेश जारी कर मेरे साथ न्याय करने का कष्ट करें।